सम्बाददाता: नेशनल हैंड अधिवक्ता राजेश कुमार
आये मुस्कुराइए हम बोकारो में हैं यह श्लोक अच्छा लगता है और शायद यह सब से यह भी पता चलता है कि बोकारो में रहने वाले कैसे-कैसे लोग होंगे जो ये स्लोगन दिया गया है इससे तो यही पता चलता है की बहुत ही प्यारे लोग रहते हैं लेकिन इसी समाज में कुछ ऐसे व्यक्ति भी रहते हैं जिन्हें इंसान का दर्जा तो नहीं दिया जा सकता है हैवान का दर्जा जरूर दिया जा सकता है जो उसे जीव पर अपना अत्याचार करते हैं जो बोल नहीं सकते हैं सिर्फ पैसों से बड़े आदमी नहीं बना जाता है बल्कि दिल से बड़े आदमी बन जाता है जरा सोचिए अगर कोई छोटे से कुत्ते के बच्चे को जो बेचारे बोल भी नहीं पाते उस बच्चों को बड़ी ही निर्दयी से और बेरहमी से अपने घरों से डंडे से मार कर बाहर फैंक उसे इंसान को क्या कहा जाए क्या वह इस समाज में रहने लायक है क्या उसे अपने बच्चे और जंतुओं के बच्चे में कोई अंतर है सभी मां-बाप के अपने बच्चे प्यारे होते हैं अगर यह इंसान जानवरों को इस बेहरमी से मार कर घर से निकलते क्या उसे माफ कर देना चाहिए कदापि नहीं ऐसे इंसान की जगह नरक होनी चाहिए एक ऐसा ही घटना बोकारो की सबसे प्रतिष्ठित अपार्टमेंट मालती अपार्टमेंट है कहा जाता है इस अपार्टमेंट में वही लोग रहते हैं जिनके पास अपार पैसा होती है यह बोकारो के सबसे महंगे अपार्टमेंट में से एक आता है अवश्य अपार्टमेंट में ऐसे इंसान भी रहते हैं जिनके अंदर दिल मोह माया प्यार नहीं होता है ऐसे इंसान को समाज में तो क्या पूरी ब्रह्मांड में भी उसे नहीं रहना चाहिए ऐसे इंसान को तो हर समाज को इसका विरोध करना चाहिए आपको मैं जिस वीडियो को मैं दिखा रहा हूं वह बोकारो के मालती अपार्टमेंट का ही बताया जाता है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस वीडियो को देखकर आपका भी दिल टूट जाएगा आंखों में आंसू आ जाएगा क्योंकि बच्चे तो बच्चे ही होते हैं और मां के सच्चे ही होते हैं
चाहे वह इंसान के बच्चे हो चाहे जानवर के बच्चे हो इस वीडियो को देखें और फिर फैसला करें कि आपके बच्चे और जानवरों के बच्चे में क्या अंतर है बस इतना ही तो अंतर है कि वह इंसान के बच्चे हैं वह बोल सकते हैं यह जानवर का बच्चे हैं यह बोल नहीं सकते हैं इसलिए उसके साथ जितना भी अत्याचार किया जा सके करते रहिए बोलने वाला कोई ना बोले देखकर यूं ही निकल जाए नहीं बल्कि आज समय आ गया है ऐसे इंसान का समाज के हर लोगों को बहिष्कार करना चाहिए आखिर कोई इंसान इतना निर्दय कैसे हो सकता है मैं तो बस अपने शब्दों से मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि आप इस वीडियो को देखें अगर आपका भी दिल पिघल ना जाए आंखों में आंसू ना आ जाए तो फिर तो कहिएगा लेकिन यह बात भी इंसान को याद रखना है कि आपके सारे कर्मों का फल इसी जिंदगी में काटना होगा जिस तरह आज आपने बेमुख जानवरों के बच्चे को अपने जिस निर्दयता से मारा वैसे इस काम का फल आपको इसी जन्म मिलेगा मैं इस वीडियो के द्वारा एक संदेश देना चाहता हूं वक्त साबका आएगा इंसान इंसान से प्यार करता है तो फिर बेमुख जानवरों से प्यार क्यों नहीं बस इन्हीं चंद शब्दों के साथ में उसे इंसान का मैं बहिष्कार करता हूं और समाज को आईना दिखाने का प्रयास करता हूं कि आप लोग बेमुख जानवरों को अगर आप एक रोटी नहीं दे सकते हैं उसे मारने का भी अधिकार आपको नहीं है बस मेरा इतना ही कहना है आपके घरों बगीचों में अगर कोई भूखे जानवर आ जाए उसे रोटी नहीं दे सकते हैं तो मार भी नहीं सकते लिए हम बोकारो के सभी लोग बंद करें कि निर्दोष जानवरों को मारनेवाले को बहिष्कार करें और उसे दंडित करें।