AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा-
असम में भाजपा सरकार ने मुस्लिम विवाह के 90 वर्ष पुराने अधिनियम को हटा दिया और कहा कि मुस्लिमों की शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत होगी, तो फिर निकाह में ख़ुत्बा कौन पढ़ेगा और मेहर कौन देगा? यानि अब असम में मुसलमान शादी करेंगे तो ना ही काज़ी रहेंगे और ना ही दुल्हन को मेहर मिलेगा... वे हमसे हमारे शरीयत को छीनना चाहते हैं.