संवाददाता:विश्वकर्मा भारती
पीएमजी पोर्टल पर लंबित मामलों को प्राथमिकता के तहत निष्पादन करें*
*■ परिशोधन पोर्टल पर लंबित मामलों को 25 फरवरी तक करें निष्पादन*
*■ सभी पदाधिकारी नियमित ई-कोर्ट कर राजस्व संबंधित लंबित वादों पर सुनवाई करें*
*■ एनआइसी कक्ष में जिला स्तरीय पदाधिकारियों एवं वीडियो संवाद के माध्यम से अंचलाधिकारियों के साथ उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव ने की राजस्व की समीक्षा बैठक*
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*बोकारो :-* बुधवार शाम *उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव* ने राजस्व से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर *अपर समाहर्ता मो. मुमताज अंसारी, डीसीएलआर बेरमो श्री सदानंद महतो,भू अर्जन पदाधिकारी श्री द्वारिका बैठा के साथ वीडियो संवाद के माध्यम से सभी अंचलाधिकारियों* के साथ समीक्षा बैठक की।
उपायुक्त ने क्रमवार *प्रोजेक्टर मैनेजमेंट ग्रुप (पीएमजी) पोर्टल पर लंबित मामलों, 30 एवं 90 दिनों से ज्यादा लंबित दाखिल- खारिज एवं भूमि सीमांकन के मामलों,विभिन्न विभागों को भूमि हस्तांतरण, भू-मापी के लंबित मामलों, परिशोधन पोर्टल पर लंबित मामलों, झारसेवा सर्टिफिकेट पर लंबित आवेदनों, अतिक्रमण वाद के मामलों, ई-कोर्ट में लंबित वादों, भू-अर्जन एवं मुआवजा भुगतान के मामलों* की अंचलवार प्रगति की विस्तार से समीक्षा की।
उन्होंने अंचलवार *सभी मामलों की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए,सभी अंचलाधिकारियों में प्रदर्शन में अविलंब सुधार लाने* का निर्देश दिया। सभी कार्यों के निष्पादन को लेकर अलग – अलग तिथि निर्धारित करते हुए कार्य में दैनिक प्रगति की समीक्षा करने को *अपर समाहर्ता एवं चास एवं बेरमो डीसीएलआर* को निर्देश दिया।
*लंबित दाखिल-खारिज* के मामलों पर सभी अंचलाधिकारी को शिविर लगाकर जरूरी दस्तावेज आवेदकों से प्राप्त कर दाखिल – खारिज के लंबित कार्य को पूरा करने को कहा। कहा कि बेवजह किसी भी दाखिल – खारिज के आवेदन को रद्द नहीं करना है,अगर कोई मामूली त्रुटी है,तो उसका निराकरण कर उसका निष्पादन करें।
*भारत माला परियोजना फेज टू एवं बरलंगा से कसमार भाया नेमरा पथ चौड़ीकरण* से संबंधित भू अर्जन – मुआवजा वितरण को लेकर कार्य में तेजी लाने का निर्देश भू अर्जन पदाधिकारी को दिया। कहा कि शिविर लगाकार एवं शिविर की तिथि अखबारों में प्रकाशित कर, पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से शिविर की जानकारी लोगों तक साझा करें।
*परिशोधन पोर्टल* पर लंबित मामलों को आगामी 25 फरवरी तक शून्य करने को कहा। वहीं, राजस्व से संबंधित लंबित वादों के निष्पादन को लेकर नियमित संबंधित पदाधिकारियों को *ई-कोर्ट कर वादों की सुनवाई* करने का निर्देश दिया। सप्ताह में 03 से 04 दिन वादों की सुनवाई को कहा। इसके अलावा *राजस्व से संबंधित अन्य मामलों पर भी समीक्षा कर जरूरी निर्देश* दिया।