सम्बाददाता: भगवान प्रसाद साहू
कारखाना के नाम पर ली गई जमीन का बंदर बांट हो रहा है सेल प्रबंधन तमाशा देख रहा है जिला प्रशासन मजा ले रहा है
विस्थापितों से विस्थापितों से जो जमीन ली गई थी उसका एकमात्र उद्देश्य था चतुर्थ इस्पात कारखाना का निर्माण करना लेकिन आज बोकारो शहर के चारों ओर अतिक्रमण ही अतिक्रमण नजर आता है विस्थापितों को क्या मिला जिसे सब कुछ चला गया उसको क्या मिला और जिसका एक इंच जमीन का भी आधीरन नहीं किया गया है वह आज बोकारो में राज कर रहे हैं
पूरे भारतवर्ष में बोकारो ही एकमात्र ऐसा शहर है जहां पर फ्री बिजली फ्री पानी और फ्री जमीन मिलता है
सेल बोकारो के पास अतिक्रमण हटाने के लिए होमगार्ड का दस्ता है जिसके लिए सेल बोकारो करोड रुपए खर्च करती है बावजूद इसके अतिक्रमण रुकने का काम नहीं हो रहा है यह होमगार्ड के जवान अतिक्रमण को रोकने में नाकाम हो गए हैं अतिक्रमण बढ़ने में कहीं ना कहीं थाना का भी अहम योगदान है
दूसरी एक बात और है की बोकारो शहर में मंदिर के नाम पर भी अच्छी खासी जमीन का अतिक्रमण किया गया है विस्थापितों के मंदिर मस्जिद कहां चल गए