छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरि तीर्थ में शनिवार (17 फरवरी) देर रात 2:35 बजे दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपना शरीर त्याग दिया।
उन्होंने आचार्य पद का त्याग करने के बाद 3 दिन का उपवास और मौन धारण कर लिया था, इसके बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए।
उनके शरीर त्यागने की खबर मिलने के बाद जैन समाज के लोग डोंगरगढ़ में बड़ी संख्या में पहुंचे। पूजन के बाद अंतिम संस्कार किया गया।
मध्यप्रदेश में सरकार के सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं, साथ ही आधे दिन का राजकीय शोक रहेगा। छत्तीसगढ़ में भी सरकार ने आधे दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
दाह संस्कार के लिए अग्निकुंड में लकड़ियां जमाई जा रही हैं। आचार्य श्री के अंतिम दर्शन करने के लिए भारी भीड़ होने से अंतिम संस्कार में समय लग रहा है।
पूजन के बाद अग्निकुंड में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का अंतिम संस्कार हो रहा है। डोला वापस जा रहा है।
अंतिम यात्रा के बाद डोला (पार्थिव देह) को अग्निकुंड के पास रखा गया है। अभी पूजन चल रहा है, इसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया होगी।
शिष्यों और लोगों की भारी भीड़ के बीच डोला (पार्थिव देह) को अग्निकुंड के पास लाया गया है। इसी अग्निकुंड में थोड़ी देर में आचार्य श्री का अंतिम संस्कार होगा।
दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले सत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आचार्य विद्यासागर जी को श्रद्धांजलि दी। सभी प्रतिनिधियों ने खड़े होकर 2 मिनट का मौन भी रखा।
छत्तीसगढ़ में आधे दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं होंगे। इसी तरह मध्यप्रदेश में भी सरकार ने आधे दिन का राजकीय शोक का ऐलान किया है। सभी सरकारी सांसकृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
पिछले साल 5 नवंबर को पीएम मोदी ने डोंगरगढ़ पहुंचकर मुनि श्री का आशीर्वाद लिया था। तब उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी का आशीर्वाद पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं।