संवाददाता:प्रिंस सिंह
बिहार से आने वाले तेज गेंदबाज आकाशदीप रांची टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के लिए डेब्यू करेंगे। भारत और इंग्लैंड के बीच रांची में 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का चौथा मैच खेला जाएगा। इस मुकाबले में बंगाल के तेज गेंदबाज आकाशदीप टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करेंगे। वो 23 फरवरी से शुरू होने वाले रांची टेस्ट में जसप्रीत बुमराह की जगह लेंगे। दरअसल बुमराह को वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते टेस्ट टीम से रिलीज कर दिया गया है। ऐसे में भारत के पास आकाशदीप और मुकेश कुमार के रूप में दो पेस ऑप्शन हैं, मगर रांची में मैनेजमेंट आकाशदीप पर दांव खेल रहा है, कयोंकि उन्होंने भारत ए और इंग्लैंड लायंस के बीच खेले गए दो रेड मैच में कमाल का प्रदर्शन किया था। आकाशदीप भी टेस्ट क्रिकेट में धमाकेदार एंट्री करने के लिए तैयार हैं। आकाशदीप अपने उस पल को जी रहे हैं, जिसका सपना उन्होंने बचपन से देखा। जिस सपने को उन्होंने तब भी नहीं छोड़ा, जब क्रिकेट को लेकर उनके पड़ोसियों ने मुंह फेर लिया था। अपने सपने का उन्होंने तब भी नहीं छोड़ा, जब छह महीने के अंदर उन्होंने अपने पिता और बड़े भाई दोनों को खो दिया और परिवार की सारी जिम्मेदारी उन पर आ गई। इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की सीरीज के आखिरी 3 मुकाबले के लिए आकाशदीप को भारतीय टेस्ट टीम का पहली बार बुलावा आया। अब वो रांची में डेब्यू कर रहे हैं। आकाशदीप के लिए टीम इंडिया में एंट्री करना बिल्कुल आसान नहीं था। आकाशदीप बिहार से आते हैं, जहां क्रिकेट एसोसिएशन को BCCI द्वारा सस्पेंड कर दिया गया था। उनके पिता चाहते थे कि बेटा सरकारी नौकरी करे। 15 दिसंबर 1996 में बिहार के सासाराम में जन्में आकाशदीप के पिता रामजी सिंह सरकारी स्कूल टीचर थे। पढ़ाई की बजाय क्रिकेट के जुनून के कारण आकाश को बिहार में अपने माता-पिता और पड़ोसियों के विरोध का सामना करना पड़ा। उस समय बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को सस्पेंड कर दिया था, जिस वजह से बिहार के उभरते क्रिकेटर्स के पास कोई प्लेटफॉर्म नहीं था। आकाश को भी तगड़ा झटका लगा था। कई पेरेंट्स ने तो अपने बच्चों को उनसे से बातचीत तक करने के लिए मना कर दिया था। उन पेरेंट्स को डर था कि कहीं उनके बच्चे भी पढ़ाई को छोड़कर आकाशदीप की राह पर ना चलने लग जाएं। इस भारतीय गेंदबाज के पिता भी चाहते थे कि उनका बेटा सरकारी नौकरी की तैयारी करें। पिता ने आकाश को सलाह भी दी थी कि वो बिहार पुलिस कॉन्सटेबल का एग्जाम दें या फिर कम से कम सरकारी पियून की नौकरी की कोशिश करें, मगर इसके बावजूद आकाश की क्रिकेट में दिलचस्पी कम नहीं हुई। वो जब अपने सपने को पूरा करने पर फोकस कर रहे थे, तभी उन्हें तगड़ा झटका लगा, जिससे वो पूरी तरह से टूट गए थे। छह महीने के भीतर उन्होंने अपने पिता और बड़े भाई को खो दिया था। पिता और बड़े भाई की मौत के कारण अचानक आकाश पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई। एक दोस्त की मदद से आकाश ने बंगाल के दुर्गापुर में एक क्रिकेट क्लब जॉइन किया, जिससे उनका रोज का खर्चा निकल जाता था। उन्होंने दुर्गापुर में टेनिस बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया। आकाशदीप टेनिस बॉल क्रिकेट खेलकर रोज 6 सौ रुपये कमा लेते थे। टेनिस बॉल मैच खेलकर वो महीने में करीब 20 हजार रुपये कमाने लगे। 2010 में आकाशदीप CAB फर्स्ट डिवीजन लीग के लिए यूनाइटेड क्लब से जुड़े। बंगाल की अंडर 23 टीम में चयन होने के बाद उनके लिए आगे की राह खुली।।मार्च 2019 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उन्होंने बंगाल के लिए टी-20 डेब्यू किया। कुछ महीने बाद उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी से लिस्ट ए डेब्यू किया। दिसंबर 2019 में आकाशदीप ने बंगाल रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के दम पर अगस्त 2021 में आईपीएल के दूसरे चरण के लिए वो रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू में शामिल हुए। इसके अगले सीजन RCB ने उन्हें ऑक्शन में खरीदा. वो एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा रहे। उन्होंने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ भारत ए के लिए दो फर्स्ट क्लास मैचों में 11 विकेट लिए और अब वो रांची टेस्ट में मौका मिलने पर तहलका मचाने के लिए तैयार हैं