संवाददाता:पंकज तिवारी
देखरेख के अभाव से खण्डहर में तब्दील हो रहे ग्रामीण क्षेत्रों में बने सामुदायिक शौचालय
उत्तरप्रदेश सरकार भले ही स्वच्छता को लेकर लाखो-करोणों रुपये खर्च कर जनता को लाभान्वित करना चाहे लेकिन नीचे बैठे जिम्मेदार हमेशा सरकार के सपनो में पलीता व सरकार की छवि धूमिल करते नजर आते है और खुलेआम सरकार की धज्जियाँ उड़ाते है। लगभग लाखो रुपये से बने सामुदायिक शौचालयो का निर्माण कार्य काफी महीनो पूर्व पूरा होने के बावजूद उन्हें चालू कराने के बजाय उनमें ताला लटकाए हुए है, जिस वजह से अधिकांश सामुदायिक शौचालय खण्डहर में तब्दील हो रहे है।
आपको बता दे कि हम जनपद चित्रकूट के पाँचो विकासखंडों के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में बने अधिकांश सामुदायिक शौचालयों की बात कर रहे है जहाँ के सामुदायिक शौचालयों में आज भी ताला लटक रहा है और बिल्डिंग खण्डहर में तब्दील हो रही है। बता दे कि अधिकांश बंद पड़े सामुदायिक शौचालयों को चालू न करने की वजह से चोर उनमें अपना हाथ भी साफ करना शुरू कर दिए है। अधिकांश शौचालयों के तो नल की टोटी, तारबोर्ड, दरवाजे सहित टंकियों को गायब कर तोड़फोड़ का शिलशिला जारी कर दिया गया है। सरकार द्वारा सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य हर ग्राम पंचायत में कराने का उद्देश्य था कि गांव, गली, मोहल्ला में साफ सफाई व ग्राम पंचायतों में सुंदरता बनी रहेगी और राहगीरों को आवागमन में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नही होगी मगर जमीनी हकीकत की तस्वीरे कुछ और ही वया कर रही है और संबंधित अधिकारी व जिम्मेदार सब खामोश बैठे हुए है और खुलेआम सरकार की मंशा पर पलीता लगाते व सरकार की छवि धूमिल करते नजर आ रहे है। सरकार के लाखों-करोणों रुपयों का इस प्रकार दोहन करना कहाँ तक का जायज है। सरकार की इस लाखो रुपये वाली योजना पर पलीता लगा रहे संबंधित अधिकारियों सहित जिम्मेदारों की कब होगी जाँच व कब होगी उचित कार्रवाई? और ग्रामीणों की सुविधा के लिए कब चालू कराए जायेगे सामुदायिक शौचालय?