संवाददाता: राजेश शर्मा
आज माननीय न्यायालय में सूट नंबर एक पर बहस हुई, बहस के दौरान हिंदू पक्ष ने अपना पक्ष रखा और मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलील में यह कहा कि यह मुकदमा चलने योग्य नहीं है, मुस्लिम पक्ष, वही पुराना बयान दिया की वरशिप एक्ट 1991 की वजह से लिमिटेशन एक्ट की वजह से यह मुकदमा पोषणीयता में सही नहीं है।
हिंदू पक्ष ने अपना जवाब में कहा था कि इस जमीन पर पहले भी कई बार मुकदमा चल चुके हैं,यह जमीन राजा पटनी मल ने खरीदी थी और राजा पट नी मल ने स्वयं कैस लड़ा था, श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर का केस लड़ रहे दिनेश शर्मा ने कहा कि इस जमीन पर मुस्लिम पक्ष के पास कोई भी साक्ष्य नहीं है, वह केवल मामले को लंबा खींचना चाहता है और हिंदू पक्ष फैसला जल्द से जल्द चाहता है
क्योंकि माननीय न्यायालय में जमीन से संबंधित सभी साक्ष्य हिंदू पक्ष जमा कर चुका है,मुस्लिम पक्ष ने बिजली का बिल भी जमा नहीं किया है। रेलवे का मुआवजा भी हिंदू मंदिर को मिला था, पुरानी खेबट की नकल, खसरा खतौनी की नकल, बिजली का बिल,पानी का बिल, रेलवे के मुआवजा की कॉपी, जमीन रजिस्ट्री की कॉपी,सभी हम न्यायालय में जमा कर चुके हैं, मुस्लिम पक्ष के पास कोई भी एक कागज ऐसा नहीं है जिससे वह यह कह सके कि उन्होंने मस्जिद पहले बनाई है। माननीय न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर सुनने के लिए 28 मई की डेट लगा दी है।बाईट /- दिनेश शर्मा हिंदूवादी नेता