संवाददाता:नेशनल हैंड अधिवक्ता राजेश कुमार
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार (नालसा) नई दिल्ली एवं झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) रांची के निर्देश पर बुधवार को उपकारा रामगढ़ में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में लीगल एड डिफेंस काउंसिल की टीम ने निरीक्षण किया। इस दौरान उपकारा में जागरूकता शिविर का आयोजन कर कैदियों को नशा का सेवन नहीं करने को लेकर जागरूक किया गया। इस अवसर पर कैदियों को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अधिवक्ताओं के द्वारा कहा गया कि नशापान से सामाजिक, आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक हानि होती है। अधिकांश अपराध नशा सेवन के बाद ही होता है। नशा की आदत से छुटकारा पाने के लिए पुनर्वास केंद्र एवं नशा मुक्ति केंद्र की व्यवस्था सरकार ने की है।
नशा का सेवन करने वाले व्यक्ति के परिवार की स्थिति ठीक नहीं रहती है। आए दिन पति एवं पत्नी में झगड़ा होते रहता है। परिवार बिखर जाता है। परिवार को बिखरने से बचाने के लिए नशा से छुटकारा जरूरी है। युवाओं में नशे की लत एक गंभीर समस्या बन गई है। देश में नशीली दवाओं का खतरा बढ़ गया है जो चिंता का विषय है। नशा का सेवन कर लोग कैंसर, टीबी, दमा आदि घातक बीमारी के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि १४ से १५ वर्ष के किशोर भी नशा का सेवन कर रहे हैं।
नालसा द्वारा एक योजना तैयार की गई है जिसे नशा पीड़ितों को विधिक सेवाएं एवं नशा के उन्मूलन के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015 का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में महुआ शराब की बिक्री बहुतायत संख्या में खुलेआम हो रही है, जिसमें घातक रासायनिक दवाओं का उपयोग किया जाता है। इससे कभी-कभार शराब जहरीली हो जाती है। इसके सेवन से आए दिन लोगों की जान जा रही है। इस अवसर पर श्री सुजीत कुमार सिंह, चीफ एलएडीसी, श्री रामजी, डिप्टी चीफ एलएडीसी, श्री अभिनव कुमार असिस्टेंट, एलएडीसी, तथा श्री मोहन महतो, असिस्टेंट एलएडीसी ने कैदियों को नशा सेवन न करने की अपील की। इस नशा उन्मूलन जागरूकता शिविर को सफल बनाने में प्रभारी कारापाल श्री भागीरथ महतो ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।