संवाददाता: राजेश शर्मा
महात्मा गंाधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वंतत्रता आंदोलन के सर्वोच्च नेता के उभरे और उन्होने 1947 में भारत के एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर 1964 तक अपने निधन तक, भारत का शासन किया। वे आधुनिक भारतीय राष्ट्र-राज्य-एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतात्रिंक गणतन्त्र के वास्तुकार माने जाते है।
नेहरू के नेतृत्व कंाग्रेस राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चुनावों में प्रभुत्व दिखाते हुये और लगातार चुनाव जितते हुये, एक सर्व-ग्रहण पार्टी के रूप मंे उभरी। उनके अन्तिम वर्षाे में राजनितिक संकठों और 1962 के चीन-भारत युद्ध के बाद भी वे भारत में लोगों के बीच लोकप्रिय बने रहे। वे आधुनिक भारत के निर्माता थे।
जब तक श्रेष्टि रहेगी तब तक पं0 जवाहरलाल नेहरू का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। पुण्य तिथि मनाने वालों में शिवकुमार सिहं, ओमप्रकाश सिहं, मुनाजिर रफी, केशव मिश्रा, पंकज चतुर्वेदी, मधुर वशिष्ठ, सतेन्द्र कुमार, विकास यादव, पंकज यादव, धारा सिहं, योगेन्द्र, मौहम्मद याशीन, सादाब सैफी, आशिम, शशीकान्त पाचौरी, राजकिशोर यादव, अन्जुम राहत, मौ0 तारिक अली आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।
भवदीय
सत्येन्द्र पाल सिहं बैस
चेयरमैन जिला कंाग्रेस कमेटी
विधि विभाग