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इटावा/औरैया: पूर्व राज्यमंत्री विनय शाक्य पंचतत्व मे हुए विलीन

 संवाददाता:एम.एस वर्मा,इटावा ब्यूरो चीफ,सोशल मीडिया प्रभारी 6397329270


 फाइल फोटो


.अंतिम दर्शन हेतु हजारों की संख्या में पहुंचे समर्थक दिल का दौरा पड़ने से पूर्व मंत्री विनय शाक्य पंचतत्व मे हुए विलीन 

 औरैया पूर्व राज्यमंत्री विनय शाक्य के शनिवार रात सीने में दर्द उठा। परिजन सीएचसी बिधूना लेकर गए। वहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया. रविवार को भटोरा गांव स्थित उनके फार्म हाउस पर गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया.


 पूर्व राज्यमंत्री विनय शाक्य विकासखंड अछल्दा क्षेत्र के गांव -भटोरा के मूल रूप से निवासी थे. वर्ष 2019 में ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद अस्वस्थ चल रहे थे। शनिवार रात 11:00 बजे उनकी तबीयत बिगड़ी तो पत्नी निशा और बेटी रिया समेत जन लेकर सीएचसी लें आई।


 डॉक्टर ने उपचार के बाद घर भेज दिया. देर रात 1:00 बजे दिल का दौरा पड़ने से बेसुध हो गए. परिजन दोबारा उन्हें सीएच सी लें गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। मां द्रोपती देवी, पत्नी निशा शाक्य,बेटी रिया व ऋत, बेटा सिद्धार्थ, भाई देवेश शाक्य, बहन अर्चना का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। फार्म हाउस पर अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे.


 22 वर्षों का राजनीतिक सफर.

 पूर्व राज्य मंत्री विनय शाक्य का राजनीतिक जीवन इटावा डिग्री कॉलेज में पढ़ाई के दौरान शुरू हुआ। बसपा से जुड़कर सक्रिय राजनीति 1997 में शुरू की थी। पार्टी के उनके मेहनत विधानसभा क्षेत्र में पकड़ देख पार्टी ने 2002 में बिधूना विधानसभा से प्रत्याशी बनाया और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धनीराम वर्मा को हराकर पहली बार विधायक बने। बसपा की सरकार बनी तो उन्हें वाह्य शा हतित परियोजना राज्य मंत्री बनाया गया। 2007 में विधानसभा चुनाव में केवल 294 मतों के अंतर से धनीराम वर्मा से चुनाव हार गए। प्रदेश में बसपा की सरकार बनने कारण मायावती ने सियासी रसूख कम नहीं होने दिया और उन्हें गन्ना शोध संस्थान अध्यक्ष बनाते हुए राज्य मंत्री का दर्जा दिया। मैनपुरी से तत्काल सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ाया हारे। सियासी दबदबा काम ना हो 2009 में एमएलसी बना दिया गया।2017 चुनाव में बसपा को अलविदा कर भाजपा का दामन थामते हुए फिर बिधूना से विधायक बन गए। 2019 में ब्रेन हेमरेज होते ही अस्वस्थ हो गए। इसके बाद अन्य कार्यकाल उनके छोटे भाई देवेश शाक्य ने प्रतिनिधि के तौर पर किया। वर्ष 2022 में बेटी रिया शाक्य ने भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गई थी। देवेश शाक्य के साथ विनय शाक्य समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। देवेश शाक्य इस बार एटा लोकसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी है। उन्होंने 22 वर्ष के राजनीतिक जीवन में क्षेत्र को जो कुछ भी दिया उसे एक संघर्षील पुरोधा के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा।

 सपा सुप्रीमो ने जताया दुख.

 सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व सांसद सुब्रत पाठक ने इंटरनेट मीडिया के x प्लेटफार्म पर दुख प्रकट कर ईश्वर से आत्मा की शांति के लिए कामना की।


 राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार।

 पुत्र सिद्धार्थ शाक्य ने पिता को मुखाग्नि दी हजारों समर्थक के बीच पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। इस दौरान तिर्वा विधायक कैलाश राजपूत, दिबियापुर विधायक प्रदीप यादव, बिधूना विधायक रेखा वर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष भुवन प्रकाश गुप्ता, पूर्व मंत्री विनोद यादव कक्का, पूर्व राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत, कन्नौज जिला पंचायत अध्यक्ष प्रिया शाक्य, पूर्व विधायक रामजी शुक्ल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राजवीर सिंह यादव, रचना सिंह सेंगर, पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य, नगर पंचायतअध्यक्ष राजेंद्र सिंह उर्फ राजू गौर, बिधूना चेयरमैन अध्यक्ष आदर्श कुमार मिश्रा, पूर्व चेयरमैन अध्यक्ष अमित कुमार बाथम, ब्लॉक प्रमुख शरद सिंह राना, सांसद सुब्रत पाठक की पत्नी नेहा पाठक, मनोज यादव आदि मौजूद रहे.।


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