संवाददाता:एमएस वर्मा इटावा व्यूरो,चीफ सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
मनोज कुमार जसवंतनगर,7409103606
इटावा, जसवंतनगर
शहर जसवंतनगर में किन बूथों पर हारी सपा
एक लाख से ऊपर का जीत का मार्जन ढाई साल में 88 हजार पर क्यों सिमटा.
जसवंतनगर को सपा का गढ़ या किला जरूर बोला जाता है. परन्तु ज़ब इसकी जमीनी सच्चाई पर आते है तो ऐसा नहीं है. इस जमीनी हकीकत को हमारे सम्बददाता ने खोजा और जाना है कि शहर में कुल 21 बूथों पर सांसदी का चुनाब कराया गया था. जिसमें भाजपा ने आठ बूथों पर सपा को शिकत दी है.
ऐसा भी नहीं है कि जिन बूथों पर भाजपा ने सपा को शिकत दी है उन बूथों पर पर सपा का कोई कार्य कर्ता,नेता या सभासद न हो सभी कुछ था और तो और उन बूथों पर सपा के नाम से खुद सभासद बने बैठे है पर सांसदी के चुनाब में वही बूथ से भाजपा चुनाब जीती है तो प्रश्न चिन्ह तो लगना स्वाभबिक है.
ऐसा लगता है जनता सपा से नाराज नहीं थी क्योंकि उसी जनता ने आपको प्रधान, सदस्य, वी डी सी, सभासद, नेता चेयरमेन बनाया है. फिर बूथों का हारना आपकी कमियों को दर्शाता है. ज़ब जनता के काम आपने नहीं किये तो मौका देखकर आपसे बदला लिया है. सपा से नहीं. आपके लिए ये खतरे का साइरन बज चुका है. चुनाव जीतने बाला जनता का सेवक होता है मालिक नहीं, ज़ब आप खुद को मालिक समझने लगते हो और जनता के जायज कामों को भी नहीं करते या कराते हो तो फिर ये हो होना ही है और आगे भी होगा.
अब हम आपको उन बूथों से परिचय कराते है जहाँ पर भाजपा ने सपा को हराया है. और उन लम्वरदारों के नाम भी बताएंगे जो उन बूथों के नेता थे
▶️बूथ नंबर 73 लोहा मंडी कटरा पुख्ता
सपा नेता : अभिषेक गंगल्स, मुरली पाठक
पद : दोनों बार्ड के सभासद है.
▶️ बूथ नंबर 74 रेल मंडी पूर्ब
सपा नेता, रघुबीर यादव, हनुमंत यादव, और उस बूथ के सभासद
▶️बूथ नंबर 75 रेल मंडी
सपा नेता : पूर्ब जिला पंचायत सदस्य शीला यादव, पूर्ब नगर पालिका अध्यक्ष विमलेश यादव, सुभाष गुप्ता, राकेश यादव चंद्रपाल यादव और उस बूथ पर सभासद.
▶️बूथ नंबर 77 महलई टोला
सपा नेता : बिनय पाण्डेय और उसके सभासद.
▶️बूथ नंबर 79 जैन मुहल्ला
सपा नेता : अतुल बजाज और उस बूथ के सभासद
▶️बूथ नंबर 81 लुधपुरा
सपा नेता, भूपाल शाक्य
▶️बूथ नंबर 82 मोहन की मड़ैया
सपा नेता : नगरपालिका अध्यक्ष सत्यनारायण शंखवार पुद्द्ल और हेमू शाक्य सभासद.
▶️बूथ नंबर 84 कोठी कैस्त
सपा नेता,: ऋषिकांत चतुर्बेदी
अब सपा नेतृत्व को इस पर समीक्षा करनी चाहिए कि नगर पालिका चुनाब में जो बूथे जीती गई थीं. बो बुथें लोकसभा चुनाब में क्यों हारी. लोगों की शंकाओं का समाधान होना ही चाहिए.