परिसर संस्कृति को समृद्ध कर नवाचार पर रहे सतत ध्यान : सीएम योगी*
*महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की सभी संस्थाओं की वार्षिक समीक्षा कर भावी कार्ययोजना तय की गोरक्षपीठाधीश्वर ने*
*शिक्षा संस्थान विद्यार्थी केंद्रित आैर चिकित्सा संस्थान मरीज केंद्रित कार्य पद्धति को आगे बढ़ाएं*
*हर संस्थान की उपादेयता तभी महत्वपूर्ण जब वह सामाजिक सहभाग में निरंतर सक्रिय रहे*
गोरखपुर, 2 जून। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की शैक्षिक व चिकित्सकीय समेत सभी संस्थाओं ने हमेशा अपने-अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुए समाज आैर राष्ट्र के हित में अपनी उपयोगिता प्रमाणित की है। इस उत्कृष्टता को आगे बढ़ाते हुए, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करते हुए सभी संस्थाएं परिसर संस्कृति को समृद्ध करने आैर निरंतर नवाचार पर ध्यान देने की तरफ अग्रसर हों। इस शिक्षा परिषद की संस्थाओं ने सामाजिक सहभाग को भी अपने ध्येय का हिस्सा बनाया है आैर इसे भविष्य में इसका दायरा आैर विस्तृत करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अंगीकार करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। अब जरूरत है कि हमारी संस्थाएं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को शत प्रतिशत अपनाकर अन्य संस्थाओं के लिए रोल मॉडल बनें।
सीएम योगी रविवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की सभी संस्थाओं की वार्षिक समीक्षा आैर भावी कार्ययोजना को लेकर बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने एक-एक कर सभी संस्थाओं के प्रमुखों से उनकी सालभर की गतिविधियों आैर उपलब्धियों की जानकारी ली आैर आगामी कार्ययोजना को लेकर उनके लक्ष्यों पर अपने सुझाव दिए। संस्थाओं की तरफ से वार्षिक समीक्षा आैर भावी कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण पावर प्वाइंट (पीपीटी) डिस्प्ले के जरिये किया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं की गतिविधियों की सराहना की आैर भावी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद सिर्फ स्कूल, कॉलेज या अस्पताल खोलने वाली संस्था नहीं है। बल्कि इसका ध्येय शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य सेवाओं के माध्यम से समाज आैर राष्ट्र के सामाजिक विकास में योगदान देना है। इस परिषद की नींव ही इसी भावना के साथ राष्ट्रीयता की भावना का पोषण करने के लिए, राष्ट्र हित में सुयोग्य नागरिक तैयार करने के लिए रखी गई। परिस्थितियां अनुकूल रही हों, या प्रतिकूल, परिषद इस समग्र लक्ष्य से कभी भी विचलित नहीं हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं में अनुशासित परिसर संस्कृति को सदैव प्राथमिकता पर रखा है। परिषद की संस्थाओं ने इस मामले में अनुकरणीय प्रयास किया है। परिसर में अनुशासन की भावना के साथ, स्वच्छता, हरियाली आैर सबका सबके प्रति सद्भाव रहे, इसका नियमित पर्यवेक्षण करना सभी संस्थाध्यक्षों की जिम्मेदारी है। उन्होंने शिक्षा संस्थाओं में पठन-पाठन आैर चिकित्सा संस्थाओं में उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता में किसी भी तरह की कोताही न बतरने के निर्देश भी दिए। साथ ही कहा कि समय के साथ आैर चलने आैर आगामी समय से तालमेल बैठाने के लिए शोध आैर नवाचार आज की मांग है। शिक्षा परिषद की संस्थाओं ने शोध आैर नवाचार को लेकर जो प्रयास किए हैं, वे सराहनीय हैं। शोध आैर नवाचार को लेकर सतत ध्यान देते रहने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर उन्होंने शिक्षा परिषद की संस्थाओं की सामाजिक सहभाग की भी समीक्षा की। यह जाना कि सालभर में किस संस्था ने समाज के बीच जाकर किस तरह अपने सामाजिक सरोकारों को निभाया। उन्होंने कहा कि हर संस्था की जिम्मेदारी बनती है कि वह समाज की उन्नति के लिए, लोगों को स्वावलंबी बनाने के लिए अपने दायरे को बढ़ाए। सीएम ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि परिषद की संस्थाओं ने लगातार अलग-अलग आयामों से जुड़कर समाज की चिकित्सा, शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण आैर स्वावलंबन के लिए अनवरत कार्यों की श्रृंखला को बनाए रखा है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं की कार्यपद्धति पर भी विमर्श किया। सभी संस्थाओं की कार्यपद्धति की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता में भी परिमार्जन की गुंजाइश हमेशा रहती है। सीएम ने कहा कि शिक्षा से जुड़ी संस्थाएं विद्यार्थी केंद्रित अौर चिकित्सा सेवा से जुड़ी संस्थाएं मरीज केंद्रित कार्य प्रणाली का निरंतर उन्नयन करती रहें। जो भी कार्य हों, उनमें सेवा की भावना सर्वोपरि होनी चाहिए
*शताब्दी वर्ष को भव्य आैर ऐतिहासिक बनाने की अभी से शुरू करें तैयारी : सीएम योगी*
समीक्षा आैर भावी कार्ययोजना को लेकर आहुत इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के शताब्दी वर्ष 2032 को भव्य आैर ऐतिहासिक बनाने के लिए अभी से तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना 1932 में पूर्वी उत्तर प्रदेश में शैक्षिक पुनर्जागरण आैर राष्ट्रीय मूल्यों के संरक्षण को लेकर की गई थी। यह परिषद अपने संस्थापक युगपुरुष ब्राह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज आैर विस्तारक राष्ट्रसंत ब्राह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज के मूल्यों, आदर्शों को संजोते हुए निरंतर प्रगतिमान है। आठ साल बाद यह अपनी यात्रा के शताब्दी वर्ष में होगी। शताब्दी वर्ष तक हमें परिषद की संस्थाओं को एक प्रतिमान के रूप में स्थापित करना है। इसके लिए सभी संस्थाओं के प्रमुख को एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करके अभी से जुट जाना होगा।
*महायोगी गोरखनाथ विवि परिसर का सघन निरीक्षण किया सीएम योगी ने*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय परिसर का सघन निरीक्षण किया आैर अवस्थापना के साथ अन्य सुविधाओं को लेकर जरूरी दिशानिर्देश भी दिए। उन्होंने परिसर में बन रहे मेडिकल कॉलेज को गुणवत्तापूर्ण बनाने तथा भवन को भारतीय संस्कृति के प्रतिरूप में दर्शाने की बात कही। सीएम ने परिसर में आडिटोरियम, स्टेडियम, फार्मेसी कालेज आदि का भी सघन निरीक्षण किया।
*बैठक में यह रहे मौजूद*
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह, सदस्यगण प्रमथनाथ मिश्र, एसपी सिंह, रामजन्म सिंह, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. प्रदीप कुमार राव, गुरु श्री गोरक्षनाथ चिकित्सालय के निदेशक ब्रिागेडियर डा. डीसी ठाकुर, महंत दिग्विजयनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. डीपी सिंह, डीवीएन पीजी कॉलेज सिविल लाइंस की कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. शशिप्रभा सिंह, एमपीपीजी कॉलेज जंगल धूसड़ के उप प्राचार्य डॉ. विजय कुमार चौधरी, दिग्विजयनाथ एलटी प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार पांडेय, गोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ के प्राचार्य डॉ. अरविंद कुमार चतुर्वेदी, महाराणा प्रताप कृषक इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य संदीप कुमार, महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज सिविल लाइंस के प्रधानाचार्य डॉ. अरुण कुमार सिंह, महाराणा प्रताप बालिका इंटर कॉलेज सिविल लाइंस की कार्यवाहक प्रधानाचार्या स्नेहलता सिंह, एमी पॉलीटेक्निक के प्रधानाचार्य डॉ. अनिल प्रकार सिंह, महाराणा प्रताप सीनियर सेकेंडरी स्कूल बेतियाहाता के प्रधानाचार्य पंकज कुमार, दुलहिन जगन्नाथ कुंअरि इंटर कॉलेज रमदत्तपुर के कार्यवाहक प्रधानाचार्य राजेंद्र सिंह, महाराणा प्रताप महिला पीजी कॉलेज रमदत्तपुर की प्राचार्या डॉ. सीमा श्रीवास्तव, महाराणा प्रताप कन्या इंटर कॉलेज रमदत्तपुर की प्रधानाचार्या हर्षिता सिंह, गुरु गोरखनाथ विद्यापीठ भरोहिया के प्रधानाचार्य मनीष कुमार दूबे, महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र चौक माफी के अध्यक्ष डा. आरके सिंह, दिग्विजयनाथ इंटर कॉलेज चौक माफी के प्रधानाचार्य केशव प्रसाद तिवारी, आदिशक्ति मां पाटेश्वरी चिकित्सालय देवीपाटन के निदेशक कर्नल डॉ. हिमांशु दीक्षित, आदिशक्ति मां पाटेश्वरी पब्लिक स्कूल तुलसीपुर के प्रधानाचार्य डॉ. धीरेंद्र प्रताप सिंह, आदिशक्ति मां पाटेश्वरी विद्यापीठ नंदमहरी के प्रधानाचार्य विनोद कुमार द्विवेदी, गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ महाविद्यालय चौक बाजार के प्राचार्य डॉ. बसंत नारायण सिंह, दिग्विजयनाथ इंटर कॉलेज चौक बाजार के प्रधानाचार्य डॉ. हरेंद्र यादव, दिग्विजयनाथ कन्या इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या सपना सिंह, प्रताप आश्रम गोलघर के अधीक्षक डॉ. अभय सिंह, महाराणा प्रताप मीराबाई छात्रावास सिविल लाइंस की प्रमुख अधीक्षिका शीलम वाजपेयी, अधीक्षिका दुलारमती सिंह, दिग्विजयनाथ महिला छात्रावास की अधीक्षिका सुनीता श्रीवास्तव, योगगिराज बाबा गंभीरनाथ सेवाश्रम समिति के प्रभारी विनय कुमार सिंह, महंत दिग्विजयनाथ आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मंजूनाथ, गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्या डॉ. डीएस अजीथा, महाराणा प्रताप इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ. सुधीर अग्रवाल, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. सुनील कुमार सिंह, कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ. विमल कुमार दूबे, पैरामेडिकल विभाग के अध्यक्ष डॉ. रोहित श्रीवास्तव, फार्मेसी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. शशिकांत सिंह, महंत दिग्विजयनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय के प्रबंधक गिरिजेश कुमार मिश्र।
*एमपी इंटर कॉलेज में निर्माण कार्यों का जायजा लिया मुख्यमंत्री ने*
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की समीक्षा बैठक करने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोलघर स्थित महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज में नई बिल्डिंग के निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नया भवन चार तल का बन रहा है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में विरासत के संरक्षण तथा गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।