संवाददाता:एम.एस वर्मा, इटावा व्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
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*कांग्रेस द्वारा राजनैतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल 50वीं बरसी को विरोध स्वरूप 'काला दिवस' के रूप में मना रही है।*
इटावा
*भाजपा जनपद कार्यालय पर जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत की अध्यक्षता में एवं कार्यक्रम संयोजक जिला उपाध्यक्ष हरनाथ कुशहवाह के संयोजन में 'जिला संगोष्ठी' का आयोजन किया* गया ।
कार्यक्रम में *मुख्य अतिथि के रूप में संगठनात्मक जनपद प्रभारी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष कमलावती सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में सदर विधायक सरिता भदौरिया उपस्थित* रहीं ।
*संगोष्ठी को संबोधित करते हुए संगठनात्मक जनपद प्रभारी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष कमलावती सिंह ने कहा कि* कांग्रेस ने 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि का देश में आपातकाल घोषित किया था। तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा की थी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था। आपातकाल के बहाने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के नागरिकों के अधिकारों का हनन किया था। न्यायपालिका में हार को इंदिरा पचा नहीं सकीं थी और देश में मात्र रेडियो पर संदेश प्रसारण के जरिये ही आपातकाल लागू कर दिया गया था। लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया था।
*संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सदर विधायक सरिता भदौरिया ने कहा कि* आज से 50 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक ऐसा फैसला किया, जिसने लोकतंत्र की नींव को हिलाकर रख दिया था। उन्होंने संविधान की धारा 352 के तहत देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। लोगों के मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए। सभी प्रमुख विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। बिना सरकार की अनुमति के खबर छापने पर रोक लगा दी गई थी।
आपातकाल के समय जनसंघ के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को खोज-खोज कर उन्हे जेल में डाला गया। उनके साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया गया। उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने पद और राजनैतिक महत्वाकांक्षा के लिए आपातकाल लगाया था।
अपने *समापन उद्बोधन में संगोष्ठी को संबोधित करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत ने कहा कि* आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के लिए किसी काले पन्ने से कम नहीं है। इस दिन को यादकर कर भारतीय का सर शर्म से झुक जाता है। आपातकाल के ऐलान के साथ ही नागरिकों के मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे। अभिव्यक्ति का अधिकार ही नहीं, लोगों के पास जीवन का अधिकार भी नहीं रह गया था। लोगों को जबर्दस्ती पकड़ पकड़ कर नसबंदी करवाई गयी। 25 जून की रात से ही देश में विपक्ष के नेताओं की गिरफ्तारियों का दौर शुरू हो गया था। जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नाडीस सरीखे बड़े नेताओं को जेल में ठूंस दिया गया था।
*कार्यक्रम में मंचस्थ अतिथियों द्वारा लोकतंत्र सेनानियों, कलक्टर सिंह, ग्रीस चन्द्र, पवन जैन, अनिल गुप्ता, सहदेव सिंह, चन्दन सिंह, प्रेम सिंह, मुन्नी ओमप्रकाश सिंह, चौधरी रणवीर सिंह एवं गीता देवी, का अंगवस्त्र भेंट कर एवं फूल माला पहनाकर स्वागत सम्मान किया।*
संगोष्ठी का *कुशल संचालन जिला महामंत्री शिवाकांत चौधरी* ने किया ।
संगोष्ठी में प्रमुख रूप से संगठन प्रभारी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष कमलावती सिंह, सदर विधायक सरिता भदौरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत, पूर्व सांसद/विधायक रघुराज शाक्य, पूर्व सांसद प्रेमदास कठेरिया, पूर्व जिलाध्यक्ष रामकुमार चौधरी, डॉ रमाकांत शर्मा, वरिष्ठ भाजपा नेता राजेन्द्र गुप्ता, जिला महामंत्री अन्नू गुप्ता, प्रशांत राव चौबे, जिला उपाध्यक्ष देवप्रताप भदौरिया, शिवकिशोर धनगर, जिला मंत्री एवं कार्यक्रम सह-संयोजक ममता कुशवाहा, चक्रेश जैन, रजत चौधरी, कोषाध्यक्ष संजीव भदौरिया, जिला मीडिया प्रभारी रोहित शाक्य, विमल भदौरिया, पंकज दीक्षित, कृष्ण मुरारी गुप्ता, महिला मोर्चा अध्यक्ष विरला शाक्य, ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष मुनेश बघेल, किसान मोर्चा अध्यक्ष अवधेश चतुर्वेदी, युवा मोर्चा अध्यक्ष संजू चौधरी सहित भाजपा पदाधिकारी, मण्डल अध्यक्ष, मोर्चाओ के अध्यक्ष एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहें ।