संवाददाता: आराध्या जैन
*आठ दिवसीय जैनत्व संस्कार शिक्षण शिविर हुआ प्रारंभ*
*प्रथम दिवस पर संस्कार प्रभात फेरी में नौनिहालों ने किया नगर भ्रमण*
*विभिन्न प्रदेशों से आए विद्वान कराएंगे 8 दिन तक जैन संस्कारो का बीजारोपण*
जसवंतनगर- नगर के जैन बाजार मै स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आठ दिवसीय जैन संस्कार शिक्षण शिविर का आज हर्षोल्लास एवं धूमधाम से आगाज हुआ जिसमें देश के विभिन्न प्रदेशों से आए अनेकों विद्वान 8 दिन तक जैन संस्कार का शिक्षण पाठ कराएंगे। सर्वप्रथम संस्कार प्रभात फेरी का आयोजन किया गया जो जैन मंदिर से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए लुधपुरा जैन मंदिर पहुंची वहां देव दर्शन करते हुए वापस कार्यक्रम स्थल पर प्रभात फेरी का समापन हुआ।
प्रभात फेरी में छोटे-छोटे बच्चे जैन संस्कार, प्रेरणादायक तख्तियां लेकर व जैन धर्म का ध्वज फहराते हुए चल रहे थे। भगवान के जय घोष व संस्कार शिविर आयोजन का उत्साह छोटे-छोटे नौनिहालों के चेहरे पर साफ झलक रहा था चिलचिलाती धूप में भी बच्चे जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। बड़ी संख्या में लुधपुरा जैन समाज से भी बच्चों ने इस शिविर में अपना रजिस्ट्रेशन करवाया।
मंच का उद्घाटन तन्मय जैन, दिव्य जैन ने फीता खोलकर व शिविर का उद्घाटन राजकमल जैन, चिराग जैन ने स्वस्तिक बनाकर किया। जिनवाणी विराजमान करने का सौभाग्य अनुभव जैन,आभांश जैन, नवीन जैन को मिला। शिविर की किट विमोचन कुसुम लता जैन भिंड परिवार ने किया। छोटे बच्चों द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुतियां भी दी गई इसके उपरांत देश के विभिन्न कोनो से पधारे विद्वान बाल ब्रह्मचारी राहुल जैन मऊरानीपुर, अनिकेत शास्त्री दमोह, अमन शास्त्री ग्वालियर, अभिषेक शास्त्री बंधा का भी तिलक बंदन से स्वागत किया गया। इन सब विद्वानों ने शिक्षण शिविर के बारे में विस्तार से समझाते हुए शिविर में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को प्रतिभाग करने के लिए उपस्थित जैन समुदाय को प्रेरित किया।
आठ दिवसीय जैन संस्कार शिविर प्रभारी निकेतन जैन व शिविर संयोजक आराध्य जैन ने संयुक्त रूप से बताया इस बार शिविर में अनेकों विशेष आयोजन किए जा रहे हैं जिनमें विभिन्न कक्षाएं, प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, ज्ञान एवं कौशल वर्धक प्रतियोगिताओ के अलावा प्रतिदिन स्मार्ट क्लासेस का भी आयोजन शिविर के दौरान किया जाएगा जिससे बच्चों को जैन संस्कार के अलावा व्यवहारिक जीवन में उपयोगी जानकारियां दी जा सके।कार्यक्रम को सफल बनाने में अमित जैन, तन्मय जैन, शिवकांत जैन, वैभव जैन, चेतन जैन, राकेश जैन,राजकमल जैन, रुप चंद्र जैन, सुरेश जैन, शैलेंद्र जैन, अभिषेक जैन, नवीन जैन, धनेश जैन, नीरज जैन, अशोक जैन, लता जैन, साधना जैन, ज्योति जैन, मोती रानी जैन, अमिता जैन, अंजलि जैन, प्रियंका जैन, सौम्या जैन, क्षमा जैन आदि का सहयोग रहा।