पक्की सड़क, आँगनबाड़ी केन्द्र, पेयजल जलमीनार के लिए धरना-प्रदर्शन
दुमका: आदिकाल से पक्की सड़क और आँगनबाड़ी केन्द्र सुविधा से वंचित रानीश्वर प्रखंड अंतर्गत तालडंगाइइल पंचायत के ग्राम आमझारी और रेशमा के ग्रामीणों ने आज समाज सेवी हाबिल मुर्मू के नेतृत्व में जिला समाहरणालय परिसर पर धरना-प्रदर्शन आयोजन किया।
इस दरम्यान ग्रामीणो ने बताई कि बहुल आदिवासी ग्राम आमझारी (स्कूल टोला और माँझी टोला) का मुख्य आवागमन पथ ( दूरी - 3.5 किलोमीटर) आदिकाल से पथरीले, ऊबड़ खाबड़, छोटे बड़े गढ्ढेनुमा जर्जर स्थिति पर है।
दुमका-सिउड़ी सड़क मार्ग पर स्थित बागनल से सालतोला (जीवनपुर) सड़क मार्ग के चड़कापाथर स्कूल मोड़ से ग्राम आमझरी तक के इस ग्रामीण पथ पर विशेष कर बारिश मौसम में साईकिल, दोपहिया वाहन सहित पैदल आना जाना भी बहुत मुश्किल होता है। जर्जर हालात के कारण दैनिक आवागमन बहुत कष्टदायक होता है। जिसके कारण बीमार व्यक्तियों के लिए ऐंबुलेंस सेवा नसीब नहीं होता है। उन्होनें आगे बताई कि कई बार जनप्रतिधिगणों को अवगत कराने के बावजूद भी कोई असर नहीं हुआ।
ज्ञात हो कि आदिकाल से आमझरी ग्राम के ग्रामीण लाभुकों को साढ़े तीन किलोमीटर दूरी पर अवस्थित पड़ोसी ग्राम चड़कापाथर से टैग किया गया है जिसके कारण गर्भवती-धात्री माताओं और बच्चों को आँगनबाड़ी केन्द्र से मिलने वाली सेवा, सुविधा और पोषाहार से वंचित होने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ग्रामीणों ने आगे बताई कि विगत चार-पाँच वर्ष से स्थानीय प्रशासन को लिखित आवेदन देकर आँगनबाड़ी केन्द्र माँग किए जाने के बावजूद भी कोई ठोस पहल नहीं हुआ।
इस मौके पर समाज सेवी हाबिल मुर्मू ने आमझरी के ग्रामीणों के व्यथा पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 द्वारा दिए गए प्रावधान अनुरूप हरेक पाँच सौ मीटर दायरे पर आँगनबाड़ी केन्द्र स्थापित किए जाने का प्रावधान के बावजूद भी बहुल आदिवासी ग्राम आमझरी के ग्रामीणों को वंचित किया गया है।
इस संदर्भ पर हाबिल मुर्मू ने बताया कि झारखंड बनने के बाद सबसे अधिक भाजपा और झामुमो की सरकार रहने के बावजूद आमझरी ग्राम के ग्रामीणों को सड़क और आँगनबाड़ी सुविधा से वंचि और उपेक्षित किया गया। उन्होंने जिला उपायुक्त और उपविकास आयुक्त से मिलकर यथाशीघ्र आमझारी के लिए आँगनबाड़ी केन्द्र स्थापना कराने की माँग की। वहीं रेशमा ग्राम के ग्रामीणों ने पक्की सड़क निर्माण कराने, पेयजल जलमीनार और एक अतिरिक्त शिक्षक उपलब्ध कराने की माँग की।
इस मौके पर स्थानीय समाज सेवी दिलीप हाँसदा, गणेश सोरेन, संतोष मुर्मू, हाबिल किस्कू, ग्राम प्रधान लुखीराम किस्कू, बबलू मरांडी सहित भारी तदाद पर महिला-पुरूष उपस्थित थे।