संवाददाता: एम. एस. वर्मा, मनोज कुमार
इटावा /जसवंतनगर: भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा के मध्य आत्मीय प्रेम था, जिसे सदियो तक भुलाया नही जा सकता। इस अटूट प्रेम के कारण ही श्रीमद भागवत कथा में अहम स्थान मिला है। लोग आज श्रीकृष्ण-सुदामा जैसी पवित्र मित्रता के लिये तरसते है। उक्त धार्मिक उदगार उपमा शास्त्री ने कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुये दिये। उन्होने आगे कहा कि आज के समय में लोग मित्रता को धोखा दे जाते है लेकिन भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्र सुदामा के हर विपरीत समय में साथ खडे रहे। आज के आधुनिक युग में लोग क्षण भर में मित्रता को समाप्त करके बुरे समय में मुंह फेर लेते है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने सखा को अपना राज पाठ ही दे दिया था। जब सुदामा पैदल द्वारिका पहुंचे तो भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मित्र सुदामा के आंखो के आसुओ से पैर धोये थे। श्रीकृष्ण रूकमिणी विवाह का प्रसंग सुनाते हुये कथा वाचिका ने कहा कि रूकमिणी के भाई ने ही अपनी बहिन पर अत्याचार किया तो भगवान श्रीकृष्ण ने रूकमिणी को ही अपना जीवन साथी चुनकर उनसे विवाह कर लिया था। भगवान श्रीकृष्ण ने बाल्यवस्था से ही ऐसे ऐसे कार्य किये जिनका वर्णन श्रीमद भागवत कथा में प्रमुखता से किया गया। बीते एक सप्ताह से चल रही श्रीमद भागवत कथा मे प्रत्येक दिवस एक नये कथा वाचक द्वारा कथा सुनाये जाने को लेकर हजारो की संख्या में लोग कथास्थल पहुंच रहे है। आयोजन कमेटी द्वारा क्षेत्र के संम्मानित नागरिको का अभिनंदन भी किया जा रहा है। कथा में परीक्षत बनाये गये रामसेवक यादव यज्ञपति विद्याराम यादव के निर्देशन में आयोजन कमेटी द्वारा आगुतंको जलपान आदि की व्यवस्था की जा रही है।
आयोजन कमेटी के संरक्षक रामवीर सिंह यादव, अध्यक्ष सुनील यादव, निर्वल सिंह, उपेन्द्र यादव, विमलेश यादव, शैलेन्द्र यादव, राजेश कुमार, मनोज यादव ,पंकज यादव, बृजेन्द्र यादव, आशू यादव ने संयुक्त रूप से बताया कि विशाल भंण्डारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं विधायक शिवपाल सिंह यादव रविवार को प्रसाद ग्रहण करने पहुंचेगे।
फोटो: कथा सुनाती कथा वाचिका उपमा शास्त्री तथा कथा सुनते लोग