संवाददाता एम.एस वर्मा,इटावा व्यूरो चीफ,सोशल मीडिया प्रभारी
मनोज कुमार
इटावा। बाल संरक्षण अधिनियम 2015 के अंतर्गत पुलिस लाइन सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें जनपद के विभिन्न थानों से आए पुलिसकर्मियों को तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां दीं गईं।
सांयकाल आयोजित उक्त कार्यशाला में एसपी क्राइम सुबोध गौतम ने कहा कि जुवेनाइल मामलों को गंभीरता से लिया जाए तथा बच्चों के साथ संवेदनशीलता व सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि विशेष किशोर पुलिस इकाई से जुड़े पुलिसकर्मी जे जे एक्ट का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करें तथा जेजे एक्ट व पॉक्सो एक्ट के मामलों में कार्यरत सभी एजेंसियों से मिलकर समन्वय के साथ कार्य करें।
जिला प्रोबेशन अधिकारी सूरज सिंह ने कहा कि बच्चों से संबंधित मामलों में बच्चों से पूछताछ के वक्त पुलिसकर्मी वर्दी में न रहें। अपराध में संलिप्त पाए जाने वाले बच्चों से जुड़े हुए लोगों की भी जानकारी हासिल करें शायद उस बच्चे से किसी ने अपराध करवाया हो। उन्होंने वन स्टॉप सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं पर भी प्रकाश डाला।
बाल संरक्षण अधिकारी सोहन गुप्ता ने देखरेख व संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों तथा अपराध में संलिप्त बच्चों के मिलने पर पुलिस द्वारा विभिन्न प्रारूपों को भरे जाने की चरणबद्ध प्रक्रिया भी समझाई तथा जैविक संरक्षक खो देने वाले बच्चों के लिए कार्ययोजना पर भी प्रकाश डाला।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दीप नारायण शुक्ला ने बताया कि पीड़ित बच्चों के लिए सहायक व्यक्तियों को चयनित किया गया है जो नियमित रूप से मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि पॉक्सो पीड़ितों के मामलों में पीड़ित पीड़िता तथा वादी को उसके अधिकार तथा निःशुल्क विधिक सहायता की जानकारी दें।
कार्यशाला में प्रमुख रूप से सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम कुमार शाक्य, चाइल्ड हेल्पलाइन की जिला कोऑर्डिनेटर कीर्ति गुप्ता, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी विजय कुमार पांडेय, पॉक्सो सपोर्ट पर्सन साधना सिंह के अलावा जनपद के विभिन्न थानों से आए विशेष किशोर पुलिस इकाई के पुलिसकर्मी मौजूद रहे।