संवाददाता: जीतू यादव, मो: 8115480042
घटिया निर्माण सामग्री लगाकर लघु सिचाई विभाग किसानों के साथ कई सालों से धोखा कर रहा है, नमी संरक्षण होना तो दूर कुछ दिन बाद चेकडैम नष्ट हो रहे है। करोड़ो रुपये के चेकडैम हर साल बनाये व रिपेयरिंग के जाते है मगर किसानों को उससे रत्ती भर लाभ नहीं मिल रहा है। बरसात में पानी भरना तो दूर नीचे एक बूंद पानी नहीं रहता है। जानकारी मुताबिक एक तरफ जहां प्रदेश सरकार का लघु सिंचाई विभाग भूजल सप्ताह का आयोजन करके जल संचयन पर करोड़ों खर्च करके जल संचयन और भूगर्भ जल स्तर बढ़ाने को प्रयासरत है वहीं क्षेत्र में लघु सिंचाई विभाग द्वारा करोड़ों का बजट खर्च कर बनाए गए नए चौकडैम रिपेयरिंग कराये गयेहै मगर ज्यादातर चेकडैम समय से पहले ध्वस्त हो गयेहै।
चेकडैम पानी रोकने की क्रस्टवाल कम से कम दो मीटर 70 सेंटीमीटर चौड़ी होनी चाहिये, नीचे की रिंग वाल 1 मीटर बीस सेंटीमीटर होना चाहिये वही नीचे से आकर दीवार मजबूत बनाये जाने का प्राविधान है मगर सभी चेकडैम मानक के अनुरुप तो दूर रिंग वाल केवल डेढ़ फुट की बनायी जा रही है जिससे सभी चेकडैम ध्वस्त हो रहे है ,यही नहीं एक की लाइफ कम से कम अभिलेखो में पांच साल होना चाहिये इसके बाद उसकी रिपेयरिंग की जाती है मगर कैवल शासन का करोड़ों रुपये ठिकाने लगाने का काम किया जाता है।
BYTE :- महेंद्र सिंह (जनता दल,जिलाध्यक्ष, हमीरपुर )