संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
मनोज कुमार जसवंतनगर
श्री कृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु, पूरा पंडाल जयकारों से गूंजा
शाला शिवालय अहीटोला पर चल रही है नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा
जसवंतनगर।व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए, अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है।अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है।नगर के मोहल्ला अहीरटोला शाला शिवालय मंदिर पर चल रही नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा आयोजन के सातवे दिवस पर कथावाचिका दीक्षा शास्त्री ने यह बात कही।श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया।
श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।दीक्षा शास्त्री ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था।भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं।भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। शास्त्री ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है
, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं।जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा।श्रीकृष्ण जन्म उत्सव पर नन्द के घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजन प्रस्तुत किया तो श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर झूमे। एक-दूसरे को श्रीकृष्ण जन्म की बधाईयां दी गई, एक-दूसरे को खिलौने और मिठाईयां बाटी गई। कथा महोत्सव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भजन प्रदुम कर बधाई डालते हुए भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई।
कथा में बड़ी संख्या में पहुंचे नगर व क्षेत्र के भागवत प्रेमी श्रद्धालुओ ने कथा श्रवणपान कर अपने जीवन को धन्य किया। कथा आयोजकों भगत रामबहादुर परीक्षित इंद्रवीर श्रीमती मिथिलेश यज्ञपति रामेश्वर श्रीमती भगवती देवी आदि मोहल्लावासियों ने व्यासपीठ का पूजन कर आशीर्वाद लिया।