संवाददता:दयाशंकर यादव
बलरामपुर,,राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) द्वारा प्रायोजित जनजाति कौशल विकास परियोजना के तहत, 4 जुलाई 2024 को, बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के सुंदरपुर गांव में प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम का लक्ष्य जनजातीय समुदायों को कृषि एवं सम्बद्ध सेवाओं, आवश्यक बहुआयामी कौशल, एवं उद्यमिता के क्षेत्र में प्रशिक्षण के माध्यम से स्वावलम्बी और सशक्त बनाना है |
कार्यक्रम का उद्घाटन छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री (कृषि एवं आदिम जाति विकास) रामविचार नेताम द्वारा किया गया। उन्होंने प्रशिक्षण में उपस्थित ग्रामीणों को बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य ग्राम स्तर पर उत्पादन, सेवा और उद्यमिता को बढ़ावा देना है, जिस से कि आदिवासी समाज आत्मनिर्भर और स्वावलम्बी बन सके। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि यही उचित समय है जब हम सभी को मिल कर सीखना है और आगे बढ़ना है। तकनीक और कौशल के उपयोग से आगे बढने के लिए उन्होंने प्रेरित किया और आवश्यक संसाधन सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया।
दिल्ली से आये NSDC के प्रतिनिधि श्री अनिल वलशंकर ने इस परियोजना के बहुआयामी प्रशिक्षण विकल्पों के बारे में जानकारी दी। आईएसडीजी रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक कैप्टन कुमार देवाशीष ने इस बात पर बल दिया की आदिवासी क्षेत्रों में समग्र विकास का मार्ग उत्पादन, उद्यमिता और सहकार के रास्ते जाता है। उन्होंने यह भी बताया की परियोजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 10 गाँवों के कुल 270 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही कृषि विभाग द्वारा प्रायोजित बीज का वितरण कृषि मंत्री द्वारा जरूरतमंद किसानों को किया गया l
प्रशिक्षण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से एसडीएम रामानुजगंज देवेन्द्र प्रधान, जनपद सीईओ इंदिरा मिश्रा, तहसीलदार रामचंद्रपुर, कृषि विभाग से कृषि विस्तार अधिकारी और केवीके के वैज्ञानिक डा एस पी सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम के सञ्चालन में कौशल मित्र रामजीत पावले और सामुदायिक प्रबंधक प्रभु शाह ने प्रभावी भूमिका निभायी।