संवाददाता:एम.एस वर्मा,इटावा ब्यूरो चीफ,सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
मनोज कुमार जसवंतनगर
#भोले_बाबा_आश्रम_को_लेकर_चर्चा_में_आया_कटेखेड़ा_गांव
इटावा/जसवंतनगर। नारायण साकार हरि ‘भोले बाबा’ वह नाम जिसके सत्संग के बाद मंगलवार को हाथरस में भगदड़ मच गई। भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई। घटना को लेकर प्रदेश ही नहीं समूचे देश में हड़कंप मच गया। प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। इसी के तहत जसवंतनगर एसडीएम भी कटखेड़ा में स्थित बाबा आश्रम पर कुछ तलाश में पहुंचे थे।
बताते चलें कि नारायण साकार हरि भोले बाबा का तहसील जसवंतनगर के सराय भूपत के ग्राम कटे खेड़ा पास कानपुर आगरा पुराने मार्ग के सड़क किनारे करीब 2 बीघा भूमि पर बाबा साकार हरि उर्फ भोले का आश्रम स्थित है। हालांकि उस आश्रम में ताला जड़ा हुआ है। लेकिन गुरुवार दोपहर को जसवंतनगर उपजिलाधिकारी कुमार सत्यम जीत राजस्व विभाग टीम के साथ वहां पहुंचे ही थे। उन्हें देखकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। क्योंकि बाबा का विवादों से पुराना नाता रहा है। हालांकि आश्रम के सत्संग स्थल को बंद देखकर एसडीएम ने जिस स्थान पर आश्रम स्थित है उसकी भूमि संख्या व नक्सा मिलानकर जानी तो वह किसान बीरेंद्र आदि के नाम अभिलेखों में दर्ज है। एसडीएम ने बताया है कि यहां स्थित आश्रम की हकीकत जानने के लिए निरीक्षण किया है। जिस भूमि संख्या 680 बीरेंद्र आदि किसानों के नाम करीब 8 बीघा जमीन दर्ज है। जिसमे करीब दो बीघा में आश्रम व बकाया में कृषि भूमि के रूप में उपयोग में लाई जा रही है। उक्त किसान बीरेंद्र व सहखातेदारों ने ही उक्त आश्रम को करीब ढाई वर्ष पूर्व ही गांव के ही लोगो के सहयोग से निर्माण कार्य किया गया है। हालांकि उक्त किसान मौके पर नहीं पहुंचे तो संपर्क करने की कोशिश की गई तो मोबाइल बंद बताया गया। ग्रामीणों की माने तो सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि ‘भोले बाबा’ किसी बात से नाराज होने के कारण इस आश्रम स्थल पर कभी नहीं आये है। इस दौरान राजस्व विभाग टीम में लेखपाल मनीष दुबे, मोहम्मद जाहिर आदि लोग मौजूद रहे।