संवाददाता: अर्जुन
दुमका जिला परिषद, सभागार में हितधारकों की भागीदारी और सह डिजाइनिंग नामक कार्यशाला का किया गया आयोजन।
झारखण्ड राज्य अन्तर्गत दुमका में कल दिनांक 03 जुलाई को जिला परिषद, सभागार में हितधारकों की भागीदारी और सह डिजाइनिंग नामक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन आईआईटी रुड़की और जेएनयू नई दिल्ली के द्वारा किया गया जिसका संचालन प्रोफेसर सोना झरिया मिंज एवं डॉ हर्षित लकड़ा द्वारा किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन समारोह में दुमका जिला परिषद,अध्यक्षा जॉयस बेसरा बतौर मुख्य अतिथि अभिजित सिन्हा, डीडीसी बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। इस कार्यशाला का उद्घाटन पर्यावरण से प्रेरित होकर पौधों में पानी डालकर किया गया जिसमें लहांती एनजीओ की सचिव बिटिया मुर्मू भी शामिल थी।
उप विकास आयुक्त-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद, अभिजित सिन्हा ने जलवायु परिवर्तन के गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कार्यशाला की सराहना की और इससे संबंधित मुद्दों को अपने अगले जिला स्तरीय बैठक में नीति निर्माण के नजरिये से रखने का फैसला लिया। वहीं आदरणीय जॉयस बेसरा ने भी जलवायु परिवर्तन संबंधित अनुभवों को साझा किया। उनके द्वारा कहा गया कि जलवायु परिवर्तन से प्रकृति में बदलाव के कारण आदिवासी जो मूलतः कृषक है, की आजीविका पर बहुत अधिक प्रभाव हुआ है। इस प्रकार से इस विषय पर चर्चा हर गाँव में होनी चाहिए ताकि स्थानीय लोगों की समस्याओं से अवगत हो सकें। इस कार्यशाला को पहली बार 01 जुन को जामा प्रखण्ड के चिगलपहाड़ी गाँव में आयोजन किया गया जिसमें गाँव के मोड़े होड़ (पंच) के साथ पंचायत के मुखिया बिमला किस्कु सहित 70 से ज्यादा निवासी मौजूद हुए थे।