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मैनपुरी: अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा ठग साहबसिंह।

Ttn 24 न्यूज़ व्यूरो 

मैनपुरी 

अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा ठग साहबसिंह 

ईसन नदी पुल के पास एल आई सी बिल्डिंग के सामने वर्मा सर्बिस सेंटर चलाने बाला शख्स जिसका नाम साहब सिंह पुत्र स्व. रामनाथ है वह बहुत बड़ा ठग चार सौ बीस आदमी है. इसकी इन्ही हरकतों से परेशान होकर इसके पिता रामनाथ ने पूर्ब कृषि एवं पी डवलू मंत्री बलराम सिंह यादव से प्रार्थना करके इसको ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मे संबिदा कर्मी के रूप मे क्लर्क के पद पर मैनपुरी ज्योनिंग करबा दी थी. पर शातिर दिमाग़ एबं ठग क़ो कुछ अलग ही करना था मतलब ठगी ही करनी थी. तो इसने अपने पिता एवं भाइयों क़ो समझाया कि हमतो इसी विभाग मे ठेकेदारी करेंगे, बाबू गीरी मे क्या रखा है हम साल भर मे ही लखपती बन कर दिखा देंगें. ठेकेदारी के नाम पर इसके पिता के पास जो जमा धन था. वह उसके छोटे भाई ने खेती मे मेहनत करके कमाया था वह उसने शातिर दिमाग़ लगाकर हड़प लिया.

वहाँ की खेती के अलाबा नकद धन भी हड़प लिया 

*ये है ठग साहब सिंह वर्मा*

ज़ब कभी ये अपने घर गाँब हरकुपुरा मे आता था तो कभी रुपयों की चोरी करता तो कभी सोना चांदी चुरा लिया करता था.इस तरह सभी घर के लोग इससे परेशान रहते थे. इसके आने पर सब लोग अलर्ट हो जाया करते थे. पर खेती मे निराई गुडाई के लिए ज़ब घर के लोग खेतोँ पर चले जाया करते थे.तब ये ठग भिसोरा (जिस जगह अनाज सुरक्षित रखा जाया करता है ) उसमें सेंध मारी कर लिया करता था. ज़ब खाने या बेचने के लिए अनाज निकाला जाता था तब जाकर पता चलता था. इसमें कुछ गड़बड़ हुआ है. पर कहें तो किससे कहें 

ये जन्मजात चोर और ठग है.

इसके पिता ने एक वीघा जमीन मैनपुरी मे अपने नाम से खरीदी थी जिस पर उन्होंने इस सर्बिस सेंटर का निर्माण कराया था. वह इसको कमाने खाने के लिए हेंड ओवर कर दिया था.ज़ब इसका काम चल निकला. तब फिर इसका शातिर दिमाग़ घूमा,कि भविष्य मे भाई आकर अपना हिस्सा मांगेगे. तो इसने एक फर्जी नोटेरी बसीयत अपने पिता रामनाथ के नाम से बनवा कर जो ठेकेदारी के रूपये घर से गया था उसको रिश्वत मे देकर इस भूमि क़ो अपने नाम दर्ज करा लिया. यहाँ पर इसने मियाँ की जूती मियाँ की चाँद. बाली कहाबत चरितार्थ कर ली.

इसके भाई इस पर भरोसा ही करते रह गये . इसने तीन भाइयों का हिस्सा हड़प कर लिया. इस काम मे इसकी पत्नी मिथलेश पुत्री स्व मास्टर कप्तान सिंह ग्राम नगला लऊ अहिरबा, मैनपुरी ने पूरा सहयोग किया था.इसकी पत्नी इससे भी ज्यादा शातिर माइंड हैं. क्योंकि इसने रिश्तों से ज्यादा पैसों क़ो महत्ब दिया है.अगर ये अपने पति साहबसिंह क़ो ऐसा करने से रोकती तो उसकी मजाल क्या थी.जो वो ऐसा कदम उठा पाता.पर ऊपर बाला ज़ब कुबुद्धि देता हैं या ज़ब आदमी क़ो लोभ लालच आ जाता है. तब वह अच्छा बुरा सोचता ही नहीं है.और लालच बश वो कर बैठता है जो उसे नहीं करना चाहिए था.

इस जमीन के लालच मे ये अपने खुद के परिवार पर ध्यान नहीं दे पाया इसके परिवार मे दो लड़के और दो लड़कियां है. चारों मे कोई भी पढ़ लिख नहीं पाया. बेटे शरावी कबाबी हो गये. ऐसे महौल मे लड़कियाँ भी कुछ खास समझदार नहीं निकली, एक की शादी निवाहरा सिरसागंज मे कर दी है. दूसरी अपनी भाभी क़ो सताने लजाने मे अपनी माँ का साथ दे रही है.पर उसको ये पता नहीं है कि कल उसको भी ससुराल जाना है. अगर तेरे साथ ऐसा कुछ हुआ जो तू आज अपनी भाभी के साथ कर रही है तो क्या तू वर्दास्त कर लेगी.

जबकि कहा ये जाता है कर्मों का फल तो भोगना ही पड़ता है.खैर........


गाँब हरकुपुरा मे इसके सबसे छोटे भाई श्यामसिंह पुत्र रामनाथ की शादी हजरत पुर निवासी रक्षपाल की पुत्री संतोषी कुमारी के साथ हो गईं,इस संतोषी ने ससुराल मे आते ही अपना असली त्रिया चरित्र दिखाना शुरू कर दिया. रुपयों की भूखी इसक़ो किसी अन्य की मालिकी कैसे पसंद आ सकती थी सो इसने हर बो कदम उठाया जिससे परिवार में अंतर्कलह हो. इसके त्रियाचरित्र के कारणअब तक इस परिबार की बहुत बदनामी हो चुकी थी.इसके  कारण अच्छा खासा संयुक्त परिवार बिखर गया. श्याम सिंह नेअनपढ़ अपनी पत्नी संतोषी के कहने पर साहब सिंह से हाथ मिला लिया. ठग क़ो तो ठगी ही करनी है इस साहब सिंह ठग ने कबीर आश्रम मैनपुरी की कुछ भूमि जो इसके प्लॉट के बाजू में ही थी उस पर कब्जा करके श्याम सिंह क़ो मकान बनाने के लिए मैनपुरी मे दे दी.जो इस बेईमान ठग ने कुछ समय पहलेआश्रम से कब्जा ली थी वही भूमि अपने भाई श्याम सिंह क़ो दे दी .पर बैनामा नहीं किया.कर भी कैसे सकता था,क्योंकि जो भूमि उसने मकान बनाने क़ो श्याम सिंह उर्फ़ कल्लू दी है उसका वह मालिक नहीं है.भविष्य मे या तो ये जमीन कबीर आश्रम मे ही चली जायेगी या ये ठग किसी दिन इसको किराये दार साबित कर बेघर करेगा.ये समय के गर्त मे छुपा है.पर अनपढ़ लोगों क़ो ये दूर दृष्टि दिखाई ही नहीं देती. आज कल श्याम सिंह उसी के पीछे पीछे घूम रहा है. जवकि अच्छा खाशा मुक़ददमा हाईकोर्ट तक से जीता जा चुका था अब केवल उपजिलाधिकारी की कोर्ट में हाईकोर्ट का आदेश दाखिलकरना भर था. उसके बाद सभी भाइयों के नाम चढ़ जाती,पर जिस भाई ने हाईकोर्ट तक लड़ाई लडी,और साहब सिंह, साहब सिंह की पत्नी और बच्चे की मार इन्ही लोगों की खातिर खाई. वे लोग इस भाई का साथ छोड़कर श्याम सिंह,अनपढ़ पत्नी के कहने पर साहब सिंह के साथ हो लिया. प्रेम सिंह की पत्नी और श्याम सिंह की पत्नि के कृत्य से क्रोधित होकर उस भाई ने जसवंतनगर स्थिति मकान क़ो अपने हिस्से मे मानकर अन्य दो भाइयों क़ो मैनपुरी की जमीन देकर मतलब अपना हिस्सा इन तीनों के हक मे छोड़कर उनके भाग्य पर छोड़ दिया है.जबकि मैनपुरी की जगह इस मकान से बहुत ज्यादा है. जसवंतनगर के मकान की गहराई गहराई तीस फुट ही है पर मैनपुरी के प्लॉट की गहराई लगभग 150/200फुट होगी और दोनों तरफ रोड़ें है.उसके हिस्से मे जो भी पड़ रही थी.वह छोड़ दी.कोर्ट की कार्य वाही उसने इसलिए आगे नहीं बढ़ाई क्योंकि श्याम सिंह व प्रेमसिंह क़ो मैनपुरी मे बिना कुछ किये ही हिस्सा मिल जाता. ये सब उनकी होशियार पत्नियों की बजह से हुआ.


इस ठग ने अपने बड़े पुत्र की शादी करोड़पति बनकर  खूब दान दहेज और 8 लाख रुपया लेकर की थी तब मैनपुरी की जमीन हरकुपुर की जमीन, जसवंतनगर का मकान, मैनपुरी में दो अन्य प्लॉट और अहिरवा मैनपुरी की खेती दिखाकर अपने क़ो करोड़ों का मालिक बताया था.आज अपनी पुत्र बधु और पुत्र के बीच मे अलगाब पैदा कर दिया. इस कारण बड़ा लड़का शरावी कबावी हो गया. बैसे भी इसकी चवन्नी गायब थी. ठगरा ने अपने समधी और समधिन पर भी मार पीट लूट और दो लाख रुपया उधार का न देना का फर्जी मुक़ददमा लगा कर उनको परेशान कर दिया है.इसके इस कृत्य के गम के कारण इसके समधी की मौत हो गईं.भले लोगों ने इसको रिश्तेदार समझकर इसके खिलाफ कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई,अपनी पुत्र बधु जो तीन बच्चों की मां है क़ो रहन बय के लिए कोई खर्चा बगैरह भी नहीं दे रहा है. उल्टे उसके मकान की बिजली पानी काट कर परेशान कर रहा है.ये इतना शैतान है जिस छोटे से कमरे में इसकी पुत्र बधु अपने तीन अबोध वच्चों के साथ रह रही है. उस कमरे के एक कोने में कहीं से बर्र का छता लगा तूरी की लकड़ियों लाकर रख दी. बच्चे खेलते हुए उससे टच हो गये वर्र ने उन तीनों पर हमला बोल दिया. दर्द से बच्चे तड़फ रहे थे. ये शैतान उनका बीडियो बना रहा था. मां कर ही क्या सकती थी बच्चो के साथ बो भी रो रही थी. बच्चो क़ो तीन दिन बुखार आया. तब किसी समाज सेबी ने बच्चो का अस्पताल में इलाज कराया. जहाँ डंक लगा थाआज वहाँ घाब बनकर पक गये है. इलाज के बाद अब ठीक हुए है.


अपने पुत्र से उसको पिटवा कर उसका हाथ तुड़बा दिया.और तलाक का मुक़ददमा भी डाल दिया है. एक अकेली महिला क़ो इसने नाकों चने चब्बा दिये है.आज वह महिला तीन बच्चों की पढ़ाई लिखाई के अलावा परिवार के खाने पीने का खर्चा अपनी मां से,किसी से मदद माँग कर या भीख मांग कर चला रही है. भंडारा बगैरह शादी बगैरह, दावत आदि मे बिना बुलाये जाकर खाना माँग कर गुजर बसर कर रही है. इसकी बहू भीख मांग रहीँ है और ये लखपती अपनी इज्जत के अलाबा अपने बाप और महतारी और परिवार की इज्जत ख़राब ही नहीं बदनाम भी कर रहा है इतनी सी बात ये समझ ही नहीं पा रहा है रहा है और इसी बात पर खुश हो रहा है. कि हमने अपनी बहू क़ो भीख माँगने पर मजबूर कर रखा है.दूसरा जो कोई इस महिला पर तरस खा कर मदद कर देता है. तो यह ठग उसी पर चरित्र हनन का आरोप भी लगाता रहता है.और बदनाम करता रहता है. इस कारण वह आदमी अगली मदद से दूर भाग जाता है.

आज थाने पर जाना, पुलिस क़ो बुलाना मुक़ददमा लड़ना. नेताओं के पास सपत्नीक जाना इसने अपने बाप की इज्जत क़ो मिट्टी मे मिलाकर रख दिया है.


इसने ब्रजेन्द्र कुमार पुत्र स्व श्याम सिंह निबासी सोमई की पत्नी सीमा फिरोजाबाद, के साथ भी अब ठगी का खेल खेलना शुरू कर दिया है जो रिश्ते मे भनेज बहू है के नाम अपनी ठगी बाली भूमि का कुछ डेसिमल वैनामा 27:12:2008क़ो किया था.जिसमें इसकी पत्नी मिथलेश भी गबाह रूप मे दर्ज है. इस ठग साहब सिंह ने उनको बेदखल करने का मुक़ददमा अपने पुत्र से डलबा दिया है.कि हमारे बाप उम्र दराज होने के कारण अच्छा बुरा सोच नहीं पाते है.अब भांजे विजेंद्र क़ो परेशान कर रहा है.पर ये कुछ कर नहीं पायेगा. क्योंकि अंत मे मामा का ही बध हुआ है. चाहे कंस मामा हो या शकुनी मामा.

मतलब ये ठग 65 या 70 साल का होने जा रहा है. फिर भी चिराद, फैलाने से और खुराफ़ातों से बाज नहीं आ रहा है.आराम करने की उम्र मे खुराफ़ातों मे फसा है. या आप यों कह सकते हो. जो भाइयों के साथ धोखा किया है. उनका श्राप इसको लगा हुआ है. जो इसको चैन से रहने नहीं दे रहा है.पर शराब का आदी शराब पीकर सो लेता है. फ्री की जायदाद ने इसको शराबी बना दिया है. दोनों बच्चों के साथ पार्टी कर लेता है. कम से कम 6या 7 करोड़ की बेईमानी अपने भाइयों की कर ली है.

इसके आगे की करतूतें हम आपक़ो अगले एपीसोड मे बताते रहेंगे.


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