संवाददाता: रेहान खान,9452755077
रैली निकाल फाइलेरिया के उन्मूलन में मांगा सहयोग
नारायण आर्य कन्या महाविद्यालय में छात्राओं को फाइलेरिया के बारे में किया गया जागरूक
दो वर्ष से ऊपर के सभी लोग फाइलेरिया से बचाव की दवा का करे सेवन डॉ माथुर
फर्रुखाबाद 5 अगस्त 2024
फाइलेरिया यानि हाथी पांव लाइलाज बीमारी है इससे बचने के लिए 10 अगस्त को वर्ष में एक बार फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन दो वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को कराया जाता है l इसी को लेकर क्रिस्चियन इंटर कालेज से एक जागरूकता रैली निकाली गई साथ ही नारायण आर्य कन्या महाविद्यालय में एनएसएस की छात्राओं को अभियान के बारे में जानकारी दी गई l
इस दौरान कालेज की प्राचार्या डॉ शशि किरण, डॉ पारुल ,क्रिस्चियन इन्टर कालेज से प्रधानाचार्य अमित कुमार, गौरव एविल, अवधेश खोजी, अमित दयाल, अतुल दास पीसीआई से शादाब, अनुपम मिश्र और छात्र छात्राएं मौजूद रहीं l
इस दौरान उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने सभी से आग्रह करते हुए कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें और अपने घर परिवार को सुरक्षित करें l
डॉ माथुर ने कहा कि फाइलेरिया एक घातक बीमारी है। ये साइलेंस रहकर शरीर को खराब करती है। यही कारण है कि इस बीमारी की जानकारी समय पर नहीं हो पाती। हालांकि सजगता से फाइलेरिया बीमारी से बचा जा सकता है।
डॉ माथुर ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी को खत्म करने के लिए हमें हर बार अभियान में दो वर्ष से ऊपर के सभी लोग इस दवा का सेवन अवश्य करें l
डॉ माथुर ने कहा कि इस वर्ष यह अभियान 10 अगस्त से शुरू होकर 28 अगस्त तक चलेगा इस दौरान स्वास्थ्य कर्मी घर घर जाकर योग्य लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएंगे l
फाइलेरिया के लक्षण
आमतौर पर फाइलेरिया के कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते। हालांकि बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन की समस्या होती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाइड्रोसिल (अंडकोषों की सूजन) भी फाइलेरिया के लक्षण हैं। चूंकि इस बीमारी में हाथ और पैरों में हाथी के पांव जैसी सूजन आ जाती है, इसलिए इस बीमारी को हाथीपांव कहा जाता है।
ऐसे करें फाइलेरिया से बचाव
फाइलेरिया चूंकि मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि मच्छरों से बचाव किया जाए। इसके लिए घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखें।
पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें। फुल आस्तीन के कपड़े पहनकर रहें।
सोते वक्त हाथों और पैरों पर व अन्य खुले भागों पर सरसों या नीम का तेल लगाएं।
हाथ या पैर में कही चोट लगी हो या घाव हो तो उसे साफ रखें। साबुन से धोएं और फिर पानी सुखाकर दवा लगाएं।
एनएसएस के जिला समन्वयक डॉ आलोक बिहारी लाल ने छात्राओं से कहा कि फाइलेरिया रोग से हम सभी तभी सुरक्षित रह सकते हैं जब हम शपथ लें कि कम से कम अपने मिलने वालों में पांच लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन अवश्य कराएं कोई भी अभियान तभी सफल हो सकता है जब उसको समाज का साथ मिल जाए l