- सोशल मीडिया पर अफवाह, ‘मुलायमवादी’ को मिला करारा जवाब
- सूर्या समाजवादी के एक्स हैंडल से सीएम योगी के जनता दर्शन पर किया गया झूठा पोस्ट
- लिखा था कि मुस्लिम न आ सकें इसलिए गोरखनाथ मंदिर में होता है जनता दर्शन
- हकीकत यह कि जनता दर्शन में खूब रहती है मुस्लिम समाज की भागीदारी, बिना भेदभाव होती है सबकी सुनवाई
- बुरी तरह ट्रोल कर एक्स यूजर्स ने की कथित समाजवादी पर पुलिसिया कार्रवाई की मांग
गोरखपुर, 4 अगस्त। अपने बॉयो में समाजवादी, सेकुलर और मुलायमवादी बताने वाले सूर्या समाजवादी नामक के एक्स वेरिफाइड हैंडल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन को लेकर की गई तथ्यहीन और पूर्णतः गलत पोस्ट पर आम एक्स यूजर्स ने करारा जवाब दिया है। इन एक्स यूजर्स ने न सिर्फ सही तथ्यों को साझा कर गलत पोस्ट करने वाले को आईना दिखाया बल्कि कई ने यूपी पुलिस से भ्रामक पोस्ट करने वाले कथित समाजवादी-मुलायमवादी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग तक कर डाली।
रविवार सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर सूर्या समाजवादी के हैंडल से एक्स पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन के वीडियो पोस्ट कर लिखा गया, ‘सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में इसलिए जनता दर्शन करते है ताकि मुस्लिम न आ सके ? इस वीडियो में मुझे एक भी मुस्लिम महिला नही दिख रही है, ये संविधान के खिलाफ है। जनता दर्शन मंदिर या मस्जिद में नही होना चाहिए, हाईकोर्ट संज्ञान ले।’ इस पोस्ट से उसे उम्मीद रही होगी कि उसे बड़े पैमाने पर सपोर्ट मिलेगा पर सच्चाई से कोई वास्ता न रखने वाली इस टिप्पणी पर उक्त एक्स हैंडलर बुरी तरह ट्रोल हो गया। इस पोस्ट से इतर हकीकत यह है कि सीएम योगी के जनता दर्शन में मुस्लिम समाज के लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं, खासकर मुस्लिम महिलाएं। उन सभी की समस्या की मुख्यमंत्री न केवल बिना भेदभाव सुनवाई करते हैं बल्कि समाधान भी कराते हैं। कई बार तो जनता दर्शन में मुस्लिम समाज के लोग समस्या समाधान होने के बाद मुख्यमंत्री का आभार जताने पहुंचते हैं। यह सिलसिला योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने से पहले, उनके संसदीय कार्यकाल से ही जारी है। यही नहीं गोरखनाथ मंदिर परिसर में दुकानदारों और भ्रमण के लिए आने वाले लोगों में भी मुस्लिम समाज की भारी भागीदारी रहती है। गोरखनाथ मंदिर के बारे में तनिक भी जानकारी रखने वाले इस सच्चाई को जानते हैं।
सूर्या समाजवादी के एक्स हैंडल से आए इस झूठे पोस्ट पर आम एक्स यूजर्स की तरफ से बेहद तीखी प्रतिक्रिया आई। कई यूजर्स ने जनता दर्शन की उन तस्वीरों को पोस्ट कर आईना दिखाया जिसमें बड़ी संख्या में बुर्काधारी मुस्लिम महिलाएं सीएम योगी से मिलकर अपनी समस्या बता रही हैं। ऐसी ही एक तस्वीर पोस्ट करते हुए वरुण राज सिंह नाम के एक्स यूजर ने लिखा कि फेक न्यूज फैलाने और सरकार को बदनाम करने की कोशिश पर यूपी पुलिस को संज्ञान लेनी चाहिए। अंशुल, नवोदित, रितेश माहेश्वरी, सागर खंडेलवाल समेत अनेक एक्स यूजर्स ने भी यूपी पुलिस को टैग करते हुए लिखा कि गलत पोस्ट करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। ब्लू टिकधारी राजेश यादव ने लिखा, ‘किसी की आलोचना करनी है, वैचारिक विरोध करना है तो तथ्यों के साथ कर। फिर अगर किसी ने कार्यवाही कर दी तो चिल्लाओगे ना की जुल्म हो रहा है।’
एक अन्य ब्लू टिकधारी प्रवीण सिंह ने एक न्यूज चैनल की पुरानी स्टोरी शेयर करते हुए लिखा, ‘अगर मुस्लिम मंदिर में आ नही सकते, तो गोरखनाथ मंदिर में निर्माण कार्य प्रबंधक और कैशियर मोहम्मद यासीन कैसे हैं वो भी पिछले 40 साल से। समाजवादी लंपटो तुम्हारी झूठ बोलने की प्रवृत्ति कब जाएगी?’
खूब वायरल हुई थी सीएम योगी को फरियाद सुनाती मुस्लिम महिला की तस्वीर
जनता दर्शन में हर जाति-समुदाय के लोगों का आना, सीएम से मिलकर अपनी समस्या बताना और उनका समाधान हासिल करना आम बात है। अभी पिछले 22 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब गोरखपुर में थे तो गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन में उनसे मिलकर समस्या बताने वालों में अच्छी खासी संख्या मुस्लिम महिलाओं की भी थी। तब सीएम से मिलकर फरियादी सुनाती बुर्काधारी मुस्लिम महिलाओं की फोटो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। यह फोटो एक्स और फेसबुक पर भी खूब पोस्ट हुए थे। इसी तरह 12 जुलाई को लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास (5, केडी मार्ग) पर हुए जनता दर्शन कार्यक्रम में भी बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने मुख्यमंत्री से मिलकर समस्या बताई थी और समाधान हासिल करने की तरफ बढ़ी थीं।