संवाददाता: र्शिव शंकर तिवारी
नासा के वैज्ञानिक ने माउंट एवरेस्ट पब्लिक स्कूल के बच्चों से राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर की चर्चा
24 अगस्त को माउंट एवरेस्ट पब्लिक स्कूल में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (National Space Day) का आयोजन किया गया। यह दिन भारत सरकार द्वारा चंद्रयान-3 मिशन की ऐतिहासिक सफलता की याद में 23 अगस्त को आधिकारिक रूप से घोषित किया गया है।स्कूल के डायरेक्टर साजिद हुसैन ने बताया कि इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर मूर्ति गुदीपति थे जो नासा के जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी कैलिफोर्निया में प्रिंसिपल साइंटिस्ट हैं। गुदीपति ब्रह्मांड में बर्फ पर रिसर्च करते हैं और नासा के यूरोपा मिशन,बृहस्पति ग्रह का चौथा उपग्रह के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटिव साइंटिस्ट भी हैं।वे पृथ्वी, चंद्रमा,मंगल ग्रह और सौरमंडल में गहरी रुचि रखते हैं। कार्यक्रम के दौरान गुदीपति ने बच्चों से ढाई घंटे तक गूगल मीट के माध्यम से अंतरिक्ष पर चर्चा की।बच्चों ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशनों पर कई सवाल पूछे।छात्रा लिज़ा ने उनसे पूछा कि उनके बचपन से लेकर अब तक की सफलता का सफर कैसा रहा है।गुदीपति ने बताया कि कैसे उन्होंने गरीब परिवेश से आते हुए भी नासा तक पहुंचने का प्रेरणादायक सफर तय किया। छात्रा इंशा अफाक ने पूछा कि एक सेकंड में कितने नए सितारे बनते हैं, जिस पर श्री गुदीपति ने उत्तर दिया कि लगभग 10,000 से 1 लाख तक।
दूसरी छात्रा हनफा असद ने पूछा कि क्या धरती के अलावा अन्य ग्रहों पर भी जीवन संभव है और क्या हम वहां जीवन यापन कर सकते हैं। छात्र आदित्य ने पूछा कि उन्होंने इसरो के बजाय नासा को क्यों चुना।एक छात्रा ने पूछा कि भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स के स्पेस में फंसने का कारण क्या था। एक अन्य छात्रा ने शोध की प्रक्रिया के बारे में सवाल किया, जबकि एक छात्रा ने पूछा कि ब्रह्मांड पर रिसर्च और करियर बनाने के लिए क्या पढ़ाई की जानी चाहिए।राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का समापन स्कूल के विभिन्न घरानों के बीच अंतरिक्ष पर आयोजित क्विज कॉन्टेस्ट के साथ हुआ,जिसमें मार्स घराने के छात्रों ने जीत हासिल की। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कूल के प्रिंसिपल जितेंद्र कुमार, शिक्षक अरशद,नीरज,आक़िफ़,खुर्शीद, जमजम, शफ़क़ एवं युसूफ,उमरा,और अबुजर का महत्वपूर्ण योगदान रहा।