संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
जैन धर्म के पर्यूषण पर्व की सभी जिनालयों में तैयारियां हुई पूरी
जैन धर्म के दशलक्षण पर्व रविवार से होंगे शुरू
इटावा। जैन धर्म के सबसे बड़े त्यौहार के रूप में दस दिनों तक मनाया जाने वाला दशलक्षण पर्व 8 सितम्बर रविवार से प्रारंभ हो रहा है। विश्व जैन संग़ठन के अध्यक्ष आकाशदीप जैन ने बताया जैन समाज के सभी मंदिर समेत नशियां जी अतिशय क्षेत्र पर जैन समाज के महापर्व पर्यूषण पर्व जिसे दशलक्षण पर्व भी कहा जाता है की तैयारियां को अंतिम रूप देकर पूरा किया कर लिया गया है। रविवार से प्रात:काल 6 बजे से ही शहर के सभी जिनालयों में श्रीजी का जलाभिषेक के साथ दस दिनों तक दशलक्षण धर्म की संगीतमय विशेष पूजा पाठ होगा। सभी जिनालयों पर विशेष सजावट के साथ साफ सफाई की विशेष व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया दशलक्षण महापर्व मात्र जैनों का पर्व नहीं है, यह एक सार्वभौम पर्व है, पूरे विश्व के लिए यह एक उत्तम और उत्कृष्ट पर्व है, संपूर्ण संसार में यही एक ऐसा उत्सव या पर्व है जिसमें आत्मरत होकर व्यक्ति आत्मार्थी बनता है। जैन धर्म के अनुयायियों के लिए पर्युषण पर्व विशेष महत्व रखता है। इस पर्व में दान का विशेष महत्व होता है साथ ही यह भी संकल्प किया जाता है कि किसी भी रूप से किसी भी जीव को कभी भी किसी प्रकार का कष्ट न दिया जाए। यह एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण पर्व है जो हमे अपने बुरे कर्मों का नाश करके सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। भगवान महावीर के सिद्धांत हमे इस बात का ध्यान रखने के लिये प्रेरणा देते हैं कि इस पर्व में जैन साधर्मी धर्म के बताए गए रास्ते पर चलें और आत्मसाधना में लीन हो जाएं।