मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार (3 सितंबर) को बबीता चौहान को राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया. समाजवादी पार्टी के संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
बता दें कि अपर्णा यादव जनवरी 2022 में बीजेपी में शामिल हुई थीं और ढाई साल बाद उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
अपर्णा ने 2022 में जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा का दामन थामा था, तो ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि भगवा पार्टी उन्हें चुनाव लड़ाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद कई मौके आए जब अपर्णा यादव के विधानपरिषद सदस्य बनने या उपचुनाव में बीजेपी द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा चली. लेकिन ये बातें भी अटकलें साबित हुईं. भाजपा संगठन में भी अपर्णा यादव को बीते ढाई साल से कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिल सकी थी.
अपर्णा यादव को यूपी महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनाए जाने की अधिसूचना 3 सितंबर की शाम जारी हुई. महिला कल्याण अनुभाग की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार राज्यपाल आनंदबेन पटेल ने आगरा की बबीता चौहान को यूपी महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया है. अपर्णा यादव के साथ गोरखपुर की चारू चौधरी को आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा आयोग में 25 सदस्य हैं.
यूपी महिला आयोग में 25 सदस्यों को मिली जगह
लखनऊ से अंजू प्रजापति, डॉ. प्रियंका मौर्य, ऋतु शाही, एकता सिंह. मेरठ से हिमानी अग्रवाल, मीनाक्षी भराला, मनीषा अहलावत. कानपुर से पूनम द्विवेदी व अनीता गुप्ता. बिजनौर से अवनी सिंह, संगीता जैन अन्नू. बलिया से सुनीता श्रीवास्तव. झांसी से अनुपमा सि. खीरी से सुजीता कुमारी. अलीगढ़ से मीना कुमारी. मिर्जापुर से नीलम प्रभात. जौनपुर से गीता बिंद. प्रयागराज से गीता विश्वकर्मा. बरेली से पुष्पा पांडेय. रामपुर से सुनीता सैनी. ललितपुर से अर्चना पटेल. संतकबीरनगर से जनक नंदिनी. कौशांबी से प्रतिमा कुशवाह. कासगंज से रेणु गौर. सहारनपुर से सपना कश्यप.
बता दें कि अपर्णा यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत मुलायम सिंह और उनकी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं. अखिलेश यादव ने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में अपर्णा यादव को समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट से मैदान में उतारा था. हालांकि, बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी चर्चाएं तेज हुईं कि अपर्णा को बीजेपी यूपी की किसी सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है. मार्च 2024 में वह दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल से मिली थीं. हालांकि, इस बार भी उन्हें टिकट नहीं मिला.