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लखनऊ: यूपी में भाजपा इस तरह अपना खोया हुआ जनाधार लाएगी वापस,इतना फीसदी कम हुआ है भाजपा का वोट:धनंजय सिंह।

 

यूपी में भाजपा इस तरह अपना खोया हुआ जनाधार लाएगी वापस,इतना फीसदी कम हुआ है भाजपा का वोट:धनंजय सिंह

लखनऊ।उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में तगड़ा झटका लगा था। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने भाजपा से 31 सीटें छीन ली थीं।इस हार ने भाजपा को परेशान कर दिया है।हालत यह हो गई थी कि दो साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में 49.98 फीसदी वोट हासिल करने वाली भाजपा का वोट केवल 43.31 फीसदी रह गया।भाजपा अपने खोए हुए जनाधार को पाने के लिए लगातार मंथन कर रही है।अब भाजपा ने अपने खोए हुए जनाधार को वापस पाने के लिए सघन सदस्यता अभियान चलाने का फैसला किया है।इसके लिए भाजपा ने सदस्यता अभियान और महा जनसंपर्क अभियान चलाने का फैसला किया है।भाजपा का सदस्यता अभियान शुरू हो चुका है,जो तीन चरणों में चलेगा।

यूपी में भाजपा को सबसे ज्यादा झटका दलित और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं ने दिया है।सपा-कांग्रेस गठबंधन ने संविधान और आरक्षण पर खतरे को मुद्दा बनाया था और यह मुद्दा काम कर गया।दलितों और पिछड़ों के बड़े तबके ने सपा-कांग्रेस गठबंधन को वोट दिया।सपा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 37 सीटों पर जीत का परचम लहराया।कांग्रेस एक सीट से छह तक पहुंचाने में कामयाब रही।सपा ने उन सीटों पर जीत का परचम लहराया जो भाजपा की परंपरागत सीटें मानी जाती थीं।संविधान और आरक्षण के मुद्दे का ही असर था कि यूपी की सबसे महत्वपूर्ण सीट फैजाबाद सीट पर भी भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा।फैजाबाद में ही अयोध्या आती है।फैजाबाद से भाजपा की पराजय की चर्चा पूरे विश्व में हुई।

सपा-कांग्रेस गठबंधन से मिली इस चोट से उबरने के लिए भाजपा हर कोशिश कर रही है।भाजपा ने दलितों और पिछड़ों में अपना जनाधिकार बढ़ाने का फैसला किया है।इसके लिए भाजपा नेतृत्व ने आदेश भी दिए हैं।सदस्यता अभियान चलाकर भाजपा एक बार फिर दलित-पिछड़ा वोट बैंक को फिर से हासिल करना चाहती है।

इस तरह के सदस्यता अभियान से भाजपा को फायदा मिल चुका है।साल 2014 में भाजपा ने सघन सदस्यता अभियान चलाया था।भाजपा ने यूपी में एक करोड़ 60 लाख से ज्यादा सदस्य बनाए थे।उस समय यूपी भाजपा की कमान स्वतंत्रदेव सिंह के पास थी।उस दौरान भाजपा ने सदस्यता देने के लिए कागज पर लिखी पर्ची काटने की जगह मिस्ड कॉल को जरिया बनाया था।इसका परिणाम यह हुआ कि सदस्यता अभियान में फर्जीवाड़ा नहीं हो पाया।इस सघन सदस्यता अभियान का फायदा भाजपा को 2017 के विधानसभा चुनाव में मिला था। यूपी में वनवास काट रही भाजपा पहली बार 309 सीटें जीतकर प्रदेश में अपने दम पर बहुमत की सरकार बनाई थी। 

महा जनसंपर्क अभियान में भाजपा कार्यकर्ता अपने इलाके के घरों में जाकर लोगों से जमीनी हालात का जायजा लेंगे। भाजपा लोगों को ये बताना चाहती है कि वो लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद भी अपने मतदाताओं को भूली नहीं है, वह अभी भी उनकी फिक्र करती है और उनसे जुड़ा रहना चाहती है।इस अभियान के जरिए भाजपा की कोशिश अगले चुनाव में अपने वोट बैंक का आकार बढ़ाना है।

भाजपा का दो सितंबर से साधारण सदस्यता के लिए अभियान शुरू हुआ है।अब तक इस अभियान के तहत एक करोड़ से अधिक लोगों ने मिस्डकॉल दी है।यह संख्या अभी और बढ़ेगी। भाजपा का सदस्यता अभियान का पहला चरण दो से 15 सितंबर तक चलेगा,दूसरा चरण एक से 15 अक्टूबर तक चलेगा।दोनों चरणों में सामान्य सदस्य बनाए जाएंगे।वहीं तीसरे और अंतिम चरण 16 से 30 अक्टूबर तक चलेगा।इसमें भाजपा केवल सक्रिय सदस्य बनाएगी।


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