संत प्रेमानन्द जी महाराज ने डॉक्टरेट की उपाधि लेने से इंकार किया. छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी, कानपुर ने प्रेमानन्द जी महाराज को डॉक्टरेट की उपाधि देने का प्रस्ताव दिया था. संत प्रेमानन्द जी महाराज ने कहा- डॉक्टरेट की उपाधि का मैं क्या करुंगा? वह मेरे किस काम की है?
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