संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
बीजेपी पूर्व जिलाध्यक्ष को अपहरण हत्या के मामले आजीवन कारावास
19 मई 2015 को दिया था घटना को अंजाम
इटावा। इटावा शुक्रवार का दिन बीजेपी के कार्यकर्ताओं और पार्टी के लिए मायूसी और लाचारी से भरा हुआ रहा इटावा जिला सत्र एवं न्यायालय के जिला जज के द्वारा भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत और उनके साथी दीपू शर्मा को अपहरण और हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई तो वहीं लाखों रुपए का जुर्माना भी लगाया गया जिसके बाद इटावा में भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं में मायूसी और लाचारी साफ नजर आ रही थी। भारतीय जनता पार्टी के इटावा जनपद के पूर्व जिला अध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत व उनके साथी दीपू शर्मा के द्वारा बीते नौ वर्ष पहले 19 अप्रैल 2015 को अपने घर के ही पड़ोस में रहने वाले संतोष कुमार का सुबह चार बजे के लगभग उसी के घर से जबरन अपहरण कर लिया गया।
अपहरण किये गए युवक की तलाश परिवार वालो ने पूरे दिन कि मगर अपहरण हुए संतोष का कहीं भी कुछ पता नहीं चल सका, इसके बाद अगले दिन इटावा जनपद के ही सहसो थाना क्षेत्र में कुँवारी नदी के पुल के पास एक शव मिलने की सूचना पर अपहरण किये गए संतोष के भाई राजीव पहुंचे और उन्होंने कुँवारी नदी के पास मिले शव की शिनाख्त अपने अपहरण किये गए भाई संतोष के रूप में की,शव मिलने के बाद मृतक संतोष के पिता मोहर सिंह द्वारा इटावा शहर कोतवाली में बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत एवं दीपू शर्मा के विरुद्ध लिखित रूप से तहरीर दी गयी जिस पर कोतवाली पुलिस द्वारा भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत समेत दीपू शर्मा के खिलाफ मु० संख्या 177/2015 अंतर्गत धारा 364, 302 व 201 में मामला दर्ज किया गया। मुकदमा के दौरान दस गवाहों कि गवाही हुई जिसके बाद आज दिनांक 6 सितम्बर को इटावा जिला एवं सत्र न्यायलय के जिला जज के द्वारा अधिवक्ता रजेन्द्र सिंह यादव एवं अवनीश यादव की जिरह के आधार पर दोनों को दोषी करार दिया और आजीवन कारावास कि सजा के साथ साथ लाखो रूपये के अर्थ दंड से दण्डित भी किया। न्यायलय में पैरवी कर रहे वादी के अधिवक्ता राजेंद्र यादव ने बताया कि बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत द्वारा अपने बर्चस्व को कायम रखने के लिए हत्या कि घटना को अंजाम दिया गया है।