संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
मनोज कुमार जसवंतनगर
अंगद ने कहा रावण से मत करो त्रिलोकी नाथ से बैर,
लक्ष्मण को लगा शक्ति वाण हनुमान लाये संजीवनी बूटी
इटावा/जसवंतनगर
जसवंतनगर की अंतरराष्ट्रीय ख्याति पाप्त रामलीला में सेतु बॉधना, रावण अंगद संवाद,लक्ष्मण शक्ति आदि लीलाओ का अवलोकन किया गया प्रभु श्री राम की आज्ञा से हनुमान द्वारा लंका जाकर सीता की खोज करने के बाद राम बानर सेना सहित समुद्र लाँघने के लिए समुद्र की प्रार्थना करते है. राम लगातार तीन दिन तक समुद्र से अनुनय बिनय करते है.पर समुद्र अनसुना कर देता है. अंत में राम कहते है.*काटे से कदली फरे कोटि यतन कोई सींच, बिनय न मानत जडध जल गये तीन दिन बीत..*अंत में समुद्र हाथ जोड़कर आता हैं और कहता है. नल और नील नाम के बानरों को ये श्राप लगा हुआ है कि बो जो पथ्थर छू लेंगें बह डुबेगा नहीं. तब राम एक विशाल तैरते हुए पुल की स्थापना कर लंका पहुंचते हैं।
श्री राम ने लंका पर चढ़ाई से पूर्व रावण को समझाने के लिए एक शान्ति दूत अंगद को वार्ता हेतु रावण के समक्ष भेजते है । अंगद ने रावण को राजनीति धर्मनीति लोकमत दंड भेद आदि बातों को बताया लेकिन अभिमानी रावण को कुछ समझ नही आया तब अंगद अपना पैर जमा देते है और कहते है
तुम्हारी सेना में कोई भी मेरा पैर हिला दे तो श्री राम लंका से बिना सीता को लिए हुये वापस लौट जाएंगे सारे योद्धा पैर नही उठा पाते तब रावण आता है पैर हिलाने के लिए तब अंगद अपना पैर खुद ही हटाते हुए कहते हैं, कि मेरे लिए तो तुम इतने में ही झुक गए अगर झुकना है तो प्रभु श्री राम के चरणों मे झुको जहाँ तुम्हारा उद्धार होगा रावण द्वारा मेघनाद को श्री राम लक्ष्मण से युद्ध के लिए भेजा जाता है मेघनाद का लक्ष्मण से भीषण युद्ध होता है मेघनाद ब्रह्मा द्वारा दी गई शक्ति का आह्वान कर उसे प्राप्त करने के बाद शक्ति का प्रहार लक्ष्मण पर करता है, जिससे वह मूर्छित हो भूमि में गिर जाते हैं।इधर लक्ष्मण के मूर्छित होने की खबर मिलते ही राम दल में शोक छा जाता है,सुषेण वैध द्वारा बताई गईं संजीवनी बूटी को पवन पुत्र हनुमान लाकर लक्ष्मण के प्राण बचा लेते है।इस खबर से राम दल में खुशी की लहर दौड़ जाती है।