संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
मनोज कुमार जसवंतनगर
नगर की सड़कों पर उत्पात करते हुए, भगवान श्री राम के हाथों अतिकाय कुम्भकर्ण मारा गया
इटावा
जसवंतनगर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित यहां की मैदानी रामलीला में आज नगर की सड़कें युद्ध मैदान में बदल गयीं और दशानन रावण का छह महीने सोने और इतना ही जागने वाला भीमकाय भाई कुम्भकर्ण तथा अतिकाय के साथ राम दल का घमासान युद्ध हुआ। बाद में दोनों भगवान राम के हाथों मारे गए।
दर्शाया गया कि लंका की सेना का प्रमुख सेनापति और रावण का बलशाली पुत्र अतिकाय भी शुक्रवार को राम दल से युद्ध करता हुआ अंततः मृत्यु को प्राप्त हुआ । अतिकाय की मृत्यु से रावण बुरी तरह विचलित हो उठा । सड़कों पर युद्ध लीला के पश्चात रामलीला मैदान में युद्ध शुरू हुआ। कुम्भकर्ण और अतिकाय अपने भारी सैन्य दल के साथ नगर की सड़कों पर प्राचीन युद्ध कला के अस्त्र शस्त्रों से लैस युद्ध को निकले और भगवान राम के विश्राम स्थल कटरा पुख्ता चौक स्थित नरसिंह मन्दिर पर धावा बोला। इसी के साथ युद्ध का प्रदर्शन आरम्भ हो गया। राम की सेना ,पैदल और कुम्भकर्ण तथा राम लक्ष्मण अपने डोलों पर सवार थे। रावण दल की सेना के साथ सूपर्णखा भी थी। करीब डेढ़ किलोमीटर तक जमकर संग्राम हुआ। रास्ते मे इन दोनों राक्षस योद्धाओं ने कोहराम मचाते लोगो पर राक्षसी प्रवृत्ति को दर्शाते हुए खूब कोड़े बरसाए । भीड़ को संभालने के लिए भारी पुलिस बल को काफी मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि चलती तलवारों और तीरों से युद्ध हो रहा था। बाद में दोनों दल युद्ध करते रामलीला मैदान मे पंहुंचे, जहां सबसे पहले राक्षस अतिकाय का देर शाम बध किया गया। अतिकाय के मारे जाने के बाद अपने भाई कुम्भकर्ण को रावण ने मैदान में उतारा, जिसने अपनी युद्धकला कौशल से रामदल के दांत खट्टे कर दिए।ज़ब कुम्भकर्ण मरने ही बाला था तो उसने रामलीला ग्राउंड में बहुत जबरदस्त उत्पात मचाया यहाँ तक कि पटक पटक के उसने लोगों को मारा.कई घंटे संग्राम के उपरांत कुम्भकर्ण राम के हाथों जैसे ही मारा गया, वैसे ही सर्वत्र राजा राम चंद्र की जयकार गूंजी।इस वर्ष पुलिस व्यवस्था इतनी चाक चौबंद है कि कोई भी गलत हरकत कर नहीं सकता है. क्योंकि जगह जगह सी सी टीवी कैमरे के साथ ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है. मतलब भीड़ की हर मूवमेंट पर पुलिस की नजर है.