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इटावा/जसवंतनगर: पंचक लगते ही दशानन का हुआ वध, श्री राम कहते हुए गिरा धरती पर।

 संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270

  मनोज कुमार जसवंतनगर


पंचक लगते ही दशानन का हुआ वध, श्री राम कहते हुए गिरा धरती पर

जसवंतनगर/इटावा   

विश्व प्रसिद्ध मैदानी रामलीला में आज रावण के वध की लीला का आयोजन किया

आज रावण सेना में बनने को लेकर रावण छावनी में चहकदमी दिखी नव युवक रावण की सेना में बनने को लेकर आतुर दिखे ,मान में चूर रावण अपनी बची -कुची सेना के साथ दोपहर 1 बजे रामलीला मैदान से निकला, निकलते ही उसने यहां सड़को पर कहर बरपाता हुआ


निकला प्रतिषोध की आग में जलता हुआ रावण नगर की सड़कों पर खूब उत्पात किया, जय लंकेश की ध्वनि करते हुए आगे बढ़ा रामलीला से प्रारंभ हुआ विमान बड़ा चौराहा, पड़ाव मंडी, छोटा चौराहा होते हुए कैला देवी मंदिर पहुंचा वहां देवी पूजन के बाद दशानन रावण का लोहामंडी, में राजीव गुप्ता के घर पर पूरी सेना द्वारा लीलाए कर अपने अपने करतब दिखाए, जैन बाजार चौराहे पर कैंडा क्लब ने विशाल पीतल की थाली में खड़पुरी रखकर रावण की आरती की।

जिसमे डॉ पंकज,विवेक जैन,ऋषि मिश्रा, अंकुर जैन,अमित कुमार टीटू,सुनील जैन,वैभव जैन,आशीष चौरसिया,पवन शिवहरे, अंकित चिक ,गोल्डन जैन,देवेश मिश्राआदि इस दौरान हजारो की संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे

इसके बाद रावण अपनी सेना के साथ कटरापुख्ता चौक पहुंचकर राम-लक्ष्मण को युद्ध के लिए ललकारता है। चौक में 1 घण्टे तक भीषण युद्ध चलता है उसके बाद रावण युद्ध करता हुआ रामलीला मैदान पहुंचा। मैदान पहुंचने पर रावण नारायंतक को युद्ध के लिए भेजता है।

युद्ध कौशल में निपुण नारायंतक विविध प्रकार के अमोघ अस्त्रों का प्रयोग करता है लेकिन सुग्रीव पुत्र दधिबल के हाथों नरान्तक मारा जाता है। तब रावण पातालपुरी से अपने अतिप्रिय अहिरावण को बुलाता है और उसे पूरी घटना बताता है अहिरावण क्रोधित होकर राम से युद्ध करने पहुंच जाता है और 1 घण्टे से अधिक चले भीषण संग्राम में अहिरावण भी मारा जाता है।

अहिरावण वध के उपरांत लंकाधिराज महापराक्रमी दशानन लंकेश स्वयं राम से युद्ध करने मैदान में आ जाता है। यहां पर कई घण्टे तक चले महासंग्राम के बाद भी जब राम के हाथों रावण पराजित नहीं होता तब विभीषण राम को बताते हैं कि रावण की नाभि में अमृत है इस अमृत को अग्नि बाढ़ मारकर अमृत नष्ट कर अपनी तरकस से दिव्य ब्रह्मास्त्र बाड़ प्रयोग कर  रावण की नाभि में मारते है तब जाकर रावण वध होता है। बाढ़ लगते है श्री राम का जय घोष करता हुआ गिरता है रावण

इसके बाद भगवान श्री राम के हाथों रावण का पुतला गिराया जाता है। यहां की रामलीला में रावण का पुतला जलाया नहीं जाता। पुतला गिरते ही सैंकड़ों लोग उस पर टूट पड़े और कुछ ही देर में रावण के पुतले को तहसनहस करके उसकी अस्थियों को अपने साथ ले लोग ले गए । मान्यता है कि रावण की अस्थियां व्यापार ,जुआरियों के लिए लाभकारी होती है।

आज सड़कों पर दशानन की भूमिका के रूप में श्रेयष मिश्रा ने शानदार अभिनय करते हुए उपस्थित जनसमूह की खूब तालियां बटोरी।
जसवंतनगर में रावण के पुतले को जलाया नहीं जाता बल्कि उसके पुतले को लोगों के आगे गिराया जाता है. जन समुदाय उसकी हड्डी पसली खाल बगैरह नोंच नोंच कर अपने साथ ले जाते है. जिसे वह बहुत ही चमत्कारी एवं फलदाई मानते है.

सफल रामलीला कराने के लिए रामलीला समिति के प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू,ठाकुर अजेन्द्र सिंह गौर कार्यकारी अध्यक्ष हीरालाल गुप्ता,रतन पांडेय,दशानन सैन्य छावनी इंचार्ज निखिल गुप्ता,पात्र साज सज्जा प्रमुख प्रभाकर दुबे,प्रण दुबे विशाल गुप्ता आदि समिति के समस्त  सदस्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही।


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