संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
इटावा में जिला सहकारी बैंक के 25 करोड़ के घोटाले में पुलिस ने बुधवार को आगरा के एक ऑडिटर और उसके भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें सहकारी बैंक शाखा नौरंगाबाद के पास से गिरफ्तार किया गया है। उन पर आरोप है कि बैंक के ऑडिट के दौरान उन्होंने सामान्य रिपोर्ट नौ वर्ष तक प्रस्तुत की और गबन का कोई मामला नहीं पकड़ा। इस मामले में कई लोग पुलिस के द्वारा जेल भेजे जा चुके है।
मामले की जांच कर रहे विवेचक प्रभारी निरीक्षक भोला प्रसाद रस्तोगी ने बताया कि बुधवार को ऑडिटर दुर्गेश अग्रवाल व उनके भाई ऋषि अग्रवाल निवासी 51 न्यू राजा मंडी, केनरा बैंक के पास थाना लोहा मंडी आगरा को गिरफ्तार किया गया है। इनकी फर्म दुर्गेश अग्रवाल एंड कम्पनी के नाम से थी। दुर्गेश अग्रवाल सीए थी। जबकि इनके भाई ऋषि अग्रवाल आडिट करने आते थे। ऑडिट रिपोर्ट पर दुर्गेश अग्रवाल के हस्ताक्षर होते थे।
उन्होंने बताया कि इन्होंने वर्ष 2013 से लेकर 2021 तक सहकारी बैंक की मुख्य शाखा नौरंगाबाद का ऑडिट किया था। ऑडिट में गबन के किसी भी तथ्य को अंकित नहीं किया था।
घोटाले के मुख्य आरोपित अखिलेश चतुर्वेदी ने पूछताछ में पुलिस को जानकारी दी थी कि उसने 70 लाख रुपये ऑडिटर को घोटाला छुपाने के लिए दिए थे। ऑडिटर द्वारा 9 वर्ष तक औपचारिक ऑडिट रिपोर्ट बैंक मुख्यालय को दी जाती रही। जिससे गबन का पता नहीं चला। इससे प्रतीत होता है कि इनकी बैंक कर्मचारियों के साथ मिली भगत थी।
इसी आरोप के आधार पर दोनों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों आपस में भाई-बहन है। वहीं गिरफ्तारी के बाद जिला अस्पताल में मेडिकल के लिए पहुंचे दुर्गेश व उनके भाई ऋषि अग्रवाल ने बताया कि उनके द्वारा किए गए ऑडिट के दौरान जो खामियां उन्हें मिली थी। जिसकी रिपोर्ट बैंक मुख्यालय को उपलब्ध कराई थी। जिसकी पत्रावली उनके पास हैं। लेकिन बैंक मुख्यालय के द्वारा इसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है।