संवाददाता: शिव शंकर तिवारी
गोवर्धन पीठ से शिद्धपीठ रजरप्पा पहुंचे शंकराचार्य
माँ छिन्नमस्तिका देवी की आराधना कर राज्य और राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य की कामना किये
रजरप्पा। गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर जगदुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अधोक्षाजानंद देवतीर्थ जी महाराज गोवर्धन स्थित शंकराचार्य आश्रम से झारखंड,रामगढ़ स्थित सिद्धपीठ रजरप्पा पहुंचे।रजरप्पा स्थित बोरिया बाबा के आश्रम में रात्रि प्रवास के पश्चात शनिवार को स्वामी जी ने दामोदर -भैरवी नदी के संगम पर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया।राजराजेश्वर त्रिपुर सुन्दरी मां छिन्नमस्तका देवी की दर्शन पूजन कर राज्य के उज्जवल भविष्य एवं राष्ट्र के सुख समृद्घि की कामना की।
रजरप्पा पहुंचने पर शंकराचार्य जी का आश्रम के हरे कृष्ण ब्रह्मचारी उर्फ बोरिया बाबा सहित साधु संत,मंदिर के पुजारीयों एवं स्थानीय श्रद्धालुओं ने स्वागत किया। इस दौरान शंकराचार्य ने बोरिया बाबा के आश्रम में श्रद्धालुओं को देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों के धार्मिक एवं आध्यात्मिक गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संतो के यात्रा का उद्देश्य जीव जगत की रक्षा करना है। उन शक्तियों को प्रसन्न करना है,जो शक्तियां के अनुग्रह से संसार सुखी होता है।मानव जीवन सुखी होता है।उन्होंने झारखण्ड की सांस्कृतिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक विकास तथा उसके संरक्षण पर व्यापक चर्चा की। साथ ही देशवासियों के लिए सुख, समृद्धि एवं शांति की कामना की।शनिवार को ही स्वामी जी रजरप्पा से सड़क मार्ग से रांची गए,जहां से वे दिल्ली के लिए रवाना हुए।