संवाददाता: अरविंद कुमार
महिला शिक्षा व जागरूकता से सख्त समाज का निर्माण शालिनी सिंह
महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, एनटीपीसी परिसर शक्तिनगर (सोनभद्र) में "राष्ट्रीय सेवा योजना" के तत्वावधान में 22 अक्टूबर 2024 को मिशन शक्ति फेज: 5 अभियान के अन्तर्गत "लैंगिक समानता की चुनौतियां एवं समाधान" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महात्मा गाँधी के मूर्ति पर माल्यार्पण से हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता परिसर प्रभारी डॉ प्रदीप कुमार यादव ने किया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती शालिनी सिंह प्राचार्य जीआईसी शक्तिनगर उपस्थित रहीं। मिशन शक्ति फेज:5 के कोर उद्येश्य "नारी सुरक्षा, नारी सम्मान और नारी स्वावलंबन" के अनुपालन में राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से श्रीमती शालिनी सिंह को शाल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में स्वयं को एनएसएस का पूर्व- स्वयंसेविका बताया और इसके कार्यक्रम में सहभाग करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। आपने नारी सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत संचालित योजनाओं पर प्रकाश डाला तथा स्थानीय छात्र-छात्राओं से इसमें सशक्त सहभाग का आह्वान किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव (कवियित्री) एनसीएल खड़िया ने महिला सशक्तिकरण को समर्पित कविता-पाठ प्रस्तुत किया।
कार्यशाला में की-नोट स्पीकर (मुख्य वक्ता) के तौर पर डाॅ मनिंदर कुमार डिसूजा समाजकार्य विभाग ने लैंगिक भेदभाव और सामाजिक व्यवस्था पर गहन विचार प्रस्तुत किया। आपने जेन्डर जनित व्यवहार को बदलने के अभियान में मिशन शक्ति और एनएसएस के योगदान की सराहना की। छात्रा ज्योति ने 'बेटी पूछती जीने का अर्थ' का मार्मिक गायन प्रस्तुत कर सभी का ध्यान आकर्षित किया।
आयोजन में प्रतिभा सिंह, डॉ रागिनी श्रीवास्तव, डॉ अपर्णा त्रिपाठी, डाॅ आनंद प्रिया सिंह, डॉ मनोज कु गौतम, श्री प्रशांत कु विश्वकर्मा, किशोरी, ग्रेसी, जुली, प्रिया, खुशबू , लक्ष्मी आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ विनोद कुमार पाण्डेय कार्यक्रम अधिकारी इकाई तृतीय ने किया। अतिथि और अन्य सभी सहभागियों का स्वागत डॉ प्रभाकर कार्यक्रम अधिकारी इकाई-प्रथम द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सहयोग के लिए सभी के प्रति धन्यवाद श्रीमती अजय लक्ष्मी कार्यक्रम अधिकारी इकाई द्वितीय ने किया। कार्यशाला का समापन राष्ट्रगान गायन के पश्चात हुआ।