संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
यध्यपि सपा करहल से चुनाव जरूर जीत गई पर पर भाजपा के अनुजेश यादव ने सपा के बोटो में जो सेंध लगाई है उस पर सपा मुखिया को समीक्षा की आवश्यकता है. क्योंकि ये जीत सपा के लिए बहुत कुछ प्रश्न खडे कर रही है.सपा की जीत का मार्जिन क्यों कम हुआ क्या अब यही हाल जसवंतनगर विधान सभा का भी होगा
जिन बिंदुओं पर सपा को मंथन करना होगा वह महत्वपूर्ण विंन्दु निम्न है.
- सपा में फोटोबाजी और हाजिरी बाजी का चलन.
- क्या सपा प्रत्याशी की लोक प्रियता में कमी थी.
- समाजिक चर्चा है कि सपा के लोग ही सपा प्रत्याशी को हरा रहे थे.
- क्या करहल के नेता अब नहीं चाहते कि सैफई का प्रत्याशी हो.
- भाजपा ने यादव बोटों में ही सेंधमारी की है. ये सपा के लिए बहुत चिंतन का विषय है.
- चाटुकारों की बढ़ती फौज, आमजन को नेताओं से मिलने ही नहीं देते है चाटुकार.
- जनता को ये चाटुकार ही परेशान करते है. इस हकीकत को सपा को भूलना नहीं चाहिए.
- जनता जिसकी शिकायत करना चाहती है वह सपा नेता की बगल में बैठा है. इस हकीकत की भी समीक्षा होनी चाहिए.
- जिन स्थानीय नेताओं का क्षेत्र में या आमजन में बिरोध है. सपा में उन्ही को तबज्जो दी जा रही है. इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए.
- कभी हरियाणा में देवी दयाल की जनता दल पार्टी का डंका बजता था. आज उसका क्या हाल है.
- क्या सपा भी जनता दल की तरह उन्ही के पद चिन्हो की तरफ तो नहीं बढ़ रही है. समीक्षा इसकी होनी चाहिए.
- समय रहते इन पर विचार कर सपा अजेय पार्टी का ठप्पा बरकरार रख सकती है.
अगर कोई नेता समीक्षा के समय यह आरोप लगाता है कि पुलिस प्रसाशन की बजह से ऐसा हुआ है तो वह दीवास्वप्न है अपने को ही धोखा देना कहेंगे. क्योंकि करहल में ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है.
जसवंतनगर के हालात भी आज कल ठीक नहीं लग़ रहे है. हर जगह गुट बंदी रही हो पर जसवंतनगर में ये वीमारी कभी नहीं रही. पर ज़ब बायरल फैलता है तो कोई भी क्षेत्र इससे बचता नहीं है. गुटबंदी की बीमारी का बायरल जसवंतनगर में भी प्रवेश कर गया है. जो देर सवेर सपा को नुकशान ही करेगा. कहाबत है दुश्मन कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता पर गद्दार सब कुछ बिगाड़ सकता है.
नगर का चेयरमेन नगर का प्रथम व्यक्ति होता है. उस पर उन्ही के पार्टी के लोग अब अंगुली उठाने लगे है. चेयरमेन नगर को साफ सफाई, शुद्ध पेययजलआदि की सुबिधा देकर पार्टी के बोट बैंक को मजबूत कर सकता है . वह जज्बा उनमें न कभी था, और न है. और भविष्य में भी होगा. नगर के लोग अपने निर्णय पर पछतावा कर रहे है. हम क्यों बार बार सपा का फतबा मान करऔर बोटकरके अपना ही नुकशान कर बैठते है.
आरोप लग़ रहे है. कि चेयरमेन भ्र्ष्टाचार करके सभासदों पर कुछ रुपया खर्च करके उनका मुँह बंद करने के उद्देश्य से गोवा जैसे टूर पर गये है.
या गोवा का विकासमॉडल देखकर यहाँ जसवंतनगर में भी उसी तर्ज पर विकास करवाएंगे.इस उद्देश्य से भी गये होंगे..
ठीक भी है जवान लोग है बो तीर्थस्थल क्यों जाने लगे उनको तो अभी गोवा ही भायेगा.
सपा को इस पर भी विचार करना होगा. क्योंकि चुनाब पुद्द्ल नहीं सपा जीती है. और बजट का गवन भी पुद्द्ल पर नहीं सपा के सिर पर ही मढा जायेगा.
इस समस्या का समाधान भी समय रहते सपा को करना ही होगा. बरना करहल जैसा महौल बिधानसभा जसवंतनगर में भी होने में देर नहीं लगेगी.