संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
मनोज कुमार जसवंतनगर
नगर पालिका की उदासीनता से जनता परेशान
जसवंत नगर: नगर पालिका परिषद की उदासीनता के चलते शहर के लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में सामने आए एक मामले में, नगर पालिका कार्यालय के ठीक बगल में स्थित पुरुष और महिला मूत्रालय को किसी अज्ञात व्यक्ति ने बंद कर दिया है। इस कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका के जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस समस्या की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। वे कहते हैं कि जब नगर पालिका कार्यालय के बगल से ही अतिक्रमण नहीं हटाया जा सकता तो शहर के अन्य हिस्सों में अतिक्रमण का क्या हाल होगा।
शहर में अतिक्रमण की समस्या बहुत गंभीर है। दुकानदारों ने सड़कों पर अतिक्रमण कर रखा है जिसके कारण यातायात जाम की समस्या लगातार बढ़ रही है। लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं और उन्हें अपने काम पर पहुंचने में काफी मुश्किल होती है।
नगर पालिका के अधिकारियों की
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर पालिका के अधिकारी अतिक्रमण हटाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। न तो वे अतिक्रमण करने वालों पर चालान करते हैं और न ही जुर्माना लगाते हैं। ऐसा लगता है कि नगर पालिका के अधिकारियों को जनता की परेशानी से कोई मतलब ही नहीं है।
नगरपालिका के पास नहीं है कोई स्थाई या अस्थाई समाधान
रोड़ पर जिनकी भी दूकाने है बो लोग महीना बंदी लेकर अपनी दूकान के सामने चार पहिया ठेला आदि खडे करबा रहे है.
उन लोगों पर नगर पालिका का कोई जोर नहीं चल रहा है.
छिमारा रोड़ खुद नगर पालिका ने नाला पर दुकान बनबा दी है. अब दूकानदार तिरपाल और तख्त डाल कर फुटपाठ जाम किये है.ग्राहक वाहन सड़क पर खडे करते है. यहाँ हमेशा जाम की स्थिति रहती है
नगर पालिका परिषद के सिगट्टे पे. जनता भाड़ में जाये. उसको किराया जो मिल रहा है. और दूकान दार के बारे में कहना ही क्या, सैया भये कुतबाल तो अब डर काहे कौ..
जसवंतनगर की जाम की समस्या नाशूर बन चुकी है लोगों ने तो जसवंतनगर का नया नाम जाम नगर दे दिया है.
जिलाधिकारी की ओर देख रही जनता
स्थानीय लोग अब जिलाधिकारी से इस समस्या के समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि जिलाधिकारी नगर पालिका के अधिकारियों को निर्देश दें कि वे शहर में अतिक्रमण हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई करें।
यह मामला नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। यह दिखाता है कि नगर पालिका के अधिकारी जनता की समस्याओं के प्रति कितने उदासीन हैं