संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
मनोज कुमार जसवंतनगर
कोरी समाज ने मनाई वीरांगना झलकारी बाई की जयंती, अर्पित किए श्रद्धासुमन
जसवंतनगर : मोहल्ला लुधपुरा में स्थित जीपी स्कूल के निकट सामुदायिक विकास केंद्र परिसर में वीरांगना झलकारी बाई शिक्षा एवं मिशन द्वारा वीरांगना झलकारी की 194 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर पालिका के अध्यक्ष सत्यनारायण शंखवार रहे।
जिन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वीरांगना झलकारी बाई के जीवन चरित्र पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में आये अन्य अतिथियों ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वीरांगना झलकारी बाई का जन्म 22 नवंबर 1830 में झांसी के निकट भोजला ग्राम में एक कोली परिवार में हुआ था। इनके पिता एक किसान थे और मां की बचपन मे ही मृत्यु हो गई थी। इनका पालन पोषण एक लड़के के रूप किया और पिता ने घुड़सवारी और तलवार बाजी सिखाई। इनकी शादी रानी लक्ष्मी बाई के यहाँ कार्यरत तोपखाने में पूरन सिंह से हुई। झलकारी बाई के पति ने रानी लक्ष्मीबाई से मुलाकात कराई तभी लक्ष्मीबाई ने इन्हें महिला दुर्गा सेना की सेनापति बना दिया और 1857 में झांसी में जब ब्रिटिश सेना ने बड़ी सेना के साथ झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के किले को घेर लिया था। तब झलकारी बाई ने रानी का भेष रखकर किले के मुख्य गेट से आकर अंग्रेजों से लड़ाई लड़कर गुमराह कर रानी लक्ष्मीबाई को पीछे के गेट से निकाल दिया था। इस तरह रानी लक्ष्मीबाई को बचाया था। स्कूली वच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत कियेइस मौके पर राम लक्ष्मण, सुबोध कुमार, भारती सिंह , दाता राम , श्रीकृष्ण, मुन्ना लाल, सरला वर्मा, संजू सखवार, वीरेंद्र कमल, चंद्र प्रकाश, जागेश्वर दयाल, सूरज सिंह, अतिन कुमार, वीरेंद्र सिंह, चंद्र शेखर, मुन्ना लाल, उदय वीर सिंह, दीप कुमार, समेत अनेक महिलाएं व कोरी समाज के लोग एकत्रित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन रामहेत अनुरागी ने किया।