मैनपुरी ज़िले की करहल विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज़ हैं. यह सीट सपा नेता और पूर्व विधायक अखिलेश यादव के इस्तीफ़े के बाद खाली हुई थी, और अब समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच एक दिलचस्प मुकाबले का मंच तैयार हो चुका है।BJP उम्मीदवार अनुजेश प्रताप यादव
और इस मुकाबले में कौन विजयी होगा इसके फैसले की घड़ी बस आने ही वाली है. 13 नवंबर को मतदान है और 23 नवंबर को नतीजे सबके सामने होंगे. इस चुनाव में सपा ने तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है, जो अखिलेश यादव के भतीजे और मैनपुरी के पूर्व सांसद हैं. वहीं भाजपा ने अनुजेश प्रताप यादव को टिकट दिया है, जो सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के बहनोई हैं और भाजपा के साथ जुड़ने से पहले सपा से भी जुड़े रहे हैं. अनुजेश की पत्नी बेबी यादव मैनपुरी की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं और उनकी मां उर्मिला यादव भी पूर्व विधायक रही हैं.SP उम्मीदवार तेज प्रताप यादव
करहल सीट का जातीय समीकरण-
करहल सीट पर लगभग 3.75 लाख मतदाता हैं, जिनमें सबसे अधिक 1.3 लाख यादव मतदाता हैं. यादव समुदाय का वोट करहल चुनाव में अहम भूमिका निभाता है, और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, जिस भी पक्ष को यादवों का समर्थन मिलता है, उसकी जीत की संभावना बढ़ जाती है. इसके अतिरिक्त, 60,000 अनुसूचित जाति के मतदाता, 50,000 शाक्य, 30,000 ठाकुर, 25,000 मुस्लिम, और 20,000 लोधी मतदाता भी इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं.
BSP उम्मीदवार अवनीश शाक्यकरहल 22 बरसों से सपा के पास-
साल 2002 में पहली बार करहल सीट पर भाजपा के सोबरन सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी, हालांकि बाद में वह सपा में शामिल हो गए. इसके बाद से पिछले 22 वर्षों में यह सीट लगातार समाजवादी पार्टी के पास रही है. भाजपा इस बार एक बार फिर कमल खिलाने का प्रयास कर रही है और अपनी पूरी ताकत झोंक रही है.
प्रदेश में 9 सीटों पर होने वाले इस उपचुनाव में करहल विधानसभा पर सभी की निगाहें हैं, क्योंकि यादव वोट बैंक का रुख किस ओर जाएगा, इसका असर चुनाव परिणामों पर निर्णायक हो सकता है.