संवाददाता: रंजन कुमार
नौकरी गई तो गांव में शुरू किया स्टार्टअप,आज है रॉल मॉडल
ड्रेस निर्माण स्टार्टअप का किया निरीक्षण हर संभव मदद का दिलाया भरोसा।
शेखपुरा जिले के मेहूस गांव निवासी राम राघव दिल्ली में रहकर प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। कोरोना काल के दौरान उसकी नौकरी चली गई।जिसके बाद वह गांव में स्टार्टअप की शुरुआत किया। गांव में ही रखकर रोजगार की शुरुआत को लेकिन पहली बार सफलता नहीं मिली।इस दौरान आर्थिक तंगी ने पहले तो राम राघव के सपने को तोड़ दिया।
लेकिन प्रधानमंत्री का पीएमईजीपी का लाभ मिलते ही राम राघव के हौसलों को उड़ान दे दिया और 15 मजदूरों के साथ शुरू हुआ सफर आज डेढ़ सौ लोगों को रोजगार दे रहा है। इस मौके पर राम राघव ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया कि अगर सही समय पर योजना का लाभ नहीं मिलता तो आज यह तस्वीर शायद सुदूर के गावों में नहीं दिखती। उन्होंने कहा कि अभी हर माह पंद्रह हजार से ज्यादा का लेडी गारमेंट का निर्माण हो रहा है और यहां निर्मित गारमेंट्स दिल्ली कोलकाता सहित अन्य महानगरों तक पहुंचा जा रहा है जबकि गांव में ही रोजगार मिलने से यहां काम कर रहे हैं लोगों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है काम कर रहे कामगारों ने कहा कि यहां काम नहीं होने के कारण अपने परिवार को छोड़ महानगर की ओर जाना मजबूरी था जो काफी पीड़ा दायक साबित होता था। लेकिन अब यहां काम मिलने से घरेलू काम के साथ रोजगार भी मिल रहा है। जबकि काम कर रही महिला और युक्तियां ने भी गांव में ही काम मिलने से प्रसन्नता जाहिर किया है।जबकि दूसरी तरफ शेखपुरा डीएम आरिफ अहसन ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं का लाभ देकर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। जबकि उन्हें बाजार के साथ-साथ अधिकारियों के द्वारा मॉनिटरिंग भी की जाती हैं। ताकि किसी भी समस्या पर मोटिवेट कर युवाओं को प्रोत्साहित किया जा सके। गौरतलब है कि राम राघव का विजन जरा हट के है। वे आस पास के लोगों को ज्यादा काम देने में तव्वजो देते है! ताकि प्रदेश में रहकर काम करना कितना पीड़ादायक है! ये बताकर वे भावुक तक हो जाते है। जरूरत है राम राघव की तहर और भी युवक सरकार द्वारा चलाए जा रहे लोककल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले खुद का बिज़नस शुरू कर बेरोजगारी के कलंक को हटाए।