संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
इटावा। मौलाना आजाद के बैनर तले कौमी एकता सम्मेलन का आयोजन पक्के तालाब चौराहे के पास स्थित मुसाफिरखाना के हॉल में आयोजित किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार नई दुनिया अखबार के चीफ एडिटर रहे मौलाना शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि आज फ़िरकापरस्त ताकतें हमारे बुजुर्गों के सपनों को साकार नहीं होने देना चाहती।
आज नई पीढ़ी को हमारे बुजुर्गों के संघर्षों से सीख लेनी चाहिए। अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राज बहादुर यादव एडवोकेट ने कहा कि मौलाना आजाद भारत बंटवारे के प्रबल विरोधी थे ।कार्यक्रम संयोजक जमील कुरैशी ने मौलाना अबुल कलाम आजाद की जीवनी पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म अरब में मक्का शहर में हुआ था उनके पिता का नाम मोहम्मद खैरूद्दीन बिन अहमद अल हुसैनी था। वह जंगे आजादी के ऐसे महान सपूत थे जिन्होंने ब्रिटिश समाजवादियों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया। और अंग्रेजों की फूट डालो राजनीति को परास्त करने में अहम भूमिका निभाई।
हिंदू मुस्लिम एकता को धागे में पुराने का कार्य किया ऐसा करते हुए वह अमर हो गए। वह आजादी के ऐसे सिपाही थे जिन्होंने ब्रिटिश समाजवादियों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया ।और अंग्रेजों की फूट डालो राजनीति को परास्त करने में हम भूमिका निभाई। पूर्व स्वास्थ्य विभाग अधिकारी एवं कर्मचारी नेता रिजवान अहमद ने कहा कि सांप्रदायिकतावादी शक्तियां एवं संकीर्तावादी तत्व भारत के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगड़ने के लिए प्रतिदिन झूठ बोलकर घृणा और नफरत फैला रहे हैं, ऐसे तत्वों के सामने मौलाना अबुल कलाम आजाद और महात्मा गांधी जैसे तमाम क्रांतिकारी और बलिदानियों का इतिहास सामने लाना चाहिए, जिससे फिरकापरस्त ताकतों का अंत हो सके ।भारतीय संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए क्रांतिकारियों और बलिदानियों के संघर्षपूर्ण इतिहास से ही देश की एकता और अखंडता, लोकतंत्र व संविधान सुरक्षित रह सकता है।
कार्यक्रम के अंत में जरूरतमंद 10 महिलाओं को समिति ने 10 सिलाई मशीन वितरित की कार्यक्रम में हाजी चांद मंसूरी ,असलम मंसूरी, वसीम चौधरी, कामिल कुरेशी ,लाला भाई ,यासीन अंसारी, आलोक दीक्षित समाजवादी युवा नेता कार्तिकेय यादव सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।