जिला विधिक सेवा प्राधिकार रामगढ़ के तत्वाधान में एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, श्री आलोक कुमार दुबे के मार्गदर्शन में लीगल एड डिफेंस काउंसिल स्कीम के बारे में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया यह आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकार, व्यवहार न्यायालय रामगढ़ के लीगल एंड डिफेंस काउंसिल (न्याय रक्षक) के अधिवक्ताओं के सहयोग से किया गया, जिसमें रामगढ़ ब्लॉक, सदर अस्पताल रामगढ़, चितरपुर प्रखंड के बस स्टैंड, काली चौक और स्टेट बैंक चितरपुर शाखा के समीप विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से एलडीसी के चीफ सुजीत कुमार सिंह, डिप्टी चीफ राम जी असिस्टेंट अभिनव कुमार तथा मोहन महतो के साथ अधिकार मित्र दुर्गेश कुमार, उमेश कुमार गुप्ता, रोहनलाल महतो, नंदकिशोर महतो आदि उपस्थित रहे। न्याय रक्षक के अधिवक्ताओं ने स्थानीय लोगों को विधिक अधिकारों और सरकारी योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक या अन्य अक्षमताओं के कारण किसी भी नागरिक को न्याय हासिल करने से वंचित नहीं किया जा सके। ताकि कानूनी प्रणाली का संचालन सभी के लिए समान अवसर के आधार पर हो। सिस्टम के द्वारा बचाव पक्ष को गिरफ्तारी के पूर्व, रिमाण्ड एवं बेल के स्तर पर, विचारण व अपील की कार्रवाई में नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध किया जायेगा।
आगामी 14 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय रामगढ़ में किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस नेशनल लोक अदालत में बिजली से संबंधित मामलों और एन.आई. एक्ट के तहत चेक बाउंस जैसे मुद्दों, साथ ही बैंक से जुड़े मामलों का समाधान किया जाएगा। लोगों को अधिकतम लाभ उठाने के लिए इस राष्ट्रीय लोक अदालत में भाग लेने की अपील की गई, ताकि उनके लंबित मामलों का जल्द और प्रभावी निपटारा हो सके।
साथ ही, कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों को निशुल्क कानूनी सहायता के प्रावधानों के बारे में भी जानकारी दी गई। अधिवक्ताओं ने बताया कि लीगल सर्विस अथॉरिटी एक्ट की धारा 12 के तहत समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्गों को, जैसे कि महिलाएं, बच्चे, अनुसूचित जाति और जनजाति के सदस्य, कराधीन व्यक्ति, गरीब मजदूर और पीड़ित, कानूनी सहायता प्रदान की जाती है।इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों का उद्देश्य है कि समाज के लोग अपने कर्तव्यों एवं अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और जरूरत पड़ने पर निशुल्क कानूनी सहायता का लाभ उठाएं।