धनखड़ को यूक्रेन से निकाला गया अविश्वास प्रस्ताव
70 न्यूनमुन का समर्थन
यूक्रेनी सिंह बोले, आज तक नहीं देखा
दिल्ली
संसद के शीतकालीन सत्र के 10वें दिन भी अडानी मुद्दे को लेकर हंगामा हुआ। इसी के बीच साओजायम के आमोद-प्रमोद के खिलाफ जगदीप धनखड़ का अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही है। 70 कंकालों ने दिया प्रस्ताव दस्तखत करने की बात कही है। हालाँकि, दस्तावेज़ को हटाने के लिए केवल 50 सदस्यों के हस्ताक्षर की आवश्यकता है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अधिकारियों ने बताया कि अगस्त में ही आश्रम के पास आवश्यक हस्ताक्षरकर्ता थे, लेकिन उन्होंने धनखड़ को एक और अवसर निर्णय लिया। अब अर्थशास्त्री का कहना है कि धनखड़ घर में नौकरों के साथ काम करते हैं।
संसद के बाहर कांग्रेस के नाबालिग पूरे विपक्ष सिंह ने कहा- मैंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी पूर्वी इलाके को नहीं देखा है।
जिन नियमों के तहत नोटबुक को रिजेक्ट किया गया। उस पर हम बोलने से अलग हैं, लेकिन सत्ता पक्ष के सिद्धांतों को बोलने दे रहे हैं।
मेरा यह आरोप है कि आज उन्होंने सदन के सदस्यों से अनुचित व्यवहार किया। सब जानते हैं कि मोदी सरकार ऐसी कोशिश कर रही है कि सिर्फ अडानी को बाहर निकाला जाए और अर्थव्यवस्था को भटकाया जाए।
राममूर्ति तिवारी बोले- केंद्र सरकार अडानी को बचा रही है
न्यू यॉर्क कांग्रेस के अनमोल तिवारी ने कहा कि मैं केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहा हूं कि उन्होंने सदन को धोखा दिया है। मैंने आज तक नहीं देखा कि प्रश्नकाल में सरकार के सारे लोग हो गये और उत्तर न आये। मेरा प्रश्न लगा था, लेकिन मेरा प्रश्न स्टॉक की छूट नहीं मिली।
रामूति तिवारी ने आगे कहा
भाजपा सरकार अडानी के पैसे और कागजात में बराबर की हिस्सेदारी है। ये नहीं चाहते कि अडानी का नाम आए, इसलिए घरों को नहीं चलने दे रही।
सदन में बीजेपी ने कांग्रेस के विदेशी समर्थकों का उत्थान किया था
जीरोकाल के दौरान भाजपा विधायकों ने कांग्रेस के विदेशी आ रही फंडिग के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। यूक्रेन में नेता जे.पी. चतुर्थ ने फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक डेमोक्रेटिक इन एशिया-पैसिफिक (FDL-AP) ऑर्गनाइजेशन और जॉर्ज सोरोस के बीच में लेकर पूछताछ की। उन्होंने दावा किया कि यह जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करना चाहता है और इसे राजीव गांधी फाउंडेशन से आर्थिक मदद चाहता है।
कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी अडानी मामले से ध्यान भटकाना चाहती है। कांग्रेस पर विदेशी फंडिग का आरोप लगा रही है। कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेताओं ने धनखड़ पर भाजपा के पक्ष में आरोप लगाया।
टीएमसी-सपा ने सिग्नेचर पर भी अविश्वास प्रस्ताव रखा
इंडिया ब्लॉक में शामिल एसआईपी और शोरूम ने भी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। हालाँकि, पिछले कुछ दिनों से दोनों मित्र भारत ब्लॉक के प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए हैं। सपी और दावे का कहना है कि सदन में अडानी मुद्दे के अलावा भी चर्चा होती है, लेकिन कांग्रेस केवल अडानी मुद्दे पर ही चर्चा करती है।
उपसभापति को हटाने की प्रक्रिया 3 बिंदुओं में समझें ...
1. बाहर निकलने की प्रक्रिया क्या है?
ज्वालामुखी के पदेन प्लाजा होते हैं। उन्हें हटाने के लिए यूक्रेन में बहुमत से प्रस्ताव पारित करना होगा। प्रस्ताव से 14 दिन पहले नोटिस भी देना होगा।
2. प्रस्ताव नामांकन में मंजूरी देना होगा
लोकसभा में भी प्रस्ताव पारित कराना जरूरी होगा, क्योंकि राज्यसभा का सभापति उपराष्ट्रपति की पदेन भूमिका होती है। लोकसभा में NDA के 293 और I.N.D.I.A के 236 सदस्य हैं। बहुमत 272 पर है। विपक्ष अन्य 14 सदस्यों को साधे तो भी प्रस्ताव पारित होना मुश्किल होगा।
3. क्या कार्यवाही के दौरान सभापति चेयर पर होंगे
जब प्रस्ताव पेश होगा और चर्चा होगी, तब सामान्य न्याय सिद्धांत के मुताबिक सभापति राज्यसभा पीठ पर नहीं बैठेंगे।