संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
मनोज कुमार जसवंतनगर
जसवंतनगर के ग्राम मलाजनी के पास हाइवे किनारे स्थित एक ढाबे पर पुलिस ने छापेमारी कर 4 डंपरों को पकड़ा, जिनमें अवैध रूप से मौरंग की धुलाई की जा रही थी। मौरंग कारोबारी खदानों से सस्ती मौरंग डंपरों में लादकर यहां लाते हैं और अवैध तरीके से मौरंग को पानी की मोटी धार से धुलाई कराकर चमकदार बनाकर मंडियों में चारगुना दामों में बेचकर बड़ा मुनाफा कमाते हैं।क्षेत्राधिकारी नागेंद्र चौबे ने बताया कि यह कार्यवाही पुलिस टीम के साथ मिलकर की गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी इसी तरह की छापेमारी कर कुछ दिनों पूर्व भी एक ढाबे से दो डंपरों को पकड़ा गया था और खनन अधिकारियों को बुलाकर जुर्माना वसूला गया था, लेकिन शिकायत बराबर मिल रही है कि यहां हाइवे किनारे चार-पांच ढाबो पर इस तरह का अवैध कार्य वदस्तूर किया जा रहा था।
उन्होंने बताया कि इस अवैध कार्य को रोकने के लिए रात में आकर धाबो पर छापेमारी की गई थी। आज सुबह होते ही यहां पर एक ढाबे पर एक साथ 4 डंपरों को पकड़ा गया। उन्होंने कहा कि मौरंग को धोने के लिए हजारों लीटर पानी की बर्बादी होती है, जल दोहन के अलावा वातावरण भी दूषित होता है।
थाना प्रभारी निरीक्षक राम सहाय सिंह ने बताया है कि पकड़े गए डंपरों के खिलाफ खनन अधिकारी व एआरटीओ आदि को बुलाकर जुर्माना लगाकर 3 लाख 25 हजार रुपये का वसूल कर पुलिस द्वारा सम्बंधित धाराओं में कार्यवाही करते हुए वाहनो को सीज किया गया है। इस अलावा जल दोहन, प्राकृतिक, विद्युत आदि विभागों को सूचित कर अन्य विभिन्न धाराओं में कानूनी कार्रवाई के लिये पहल की जाएगी।बताया गया है कि यहां मानकों को दरकिनार कर यहां स्थित कुछ ढाबों में प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद किया जा रहा है। यहां मौरंग लदे डंपरों को धोने का काम किया जाता है। जिसमे मौरंग लादकर आए डंपरों की मौरंग को पानी से साफ किया जाता है। जिसके लिए बोरिंग कर पंपिंग सेट से पानी निकाला जाता है एक डंपर के मौरंग की धुलाई में करीब 2 घंटे का समय लगता है, और एक डंपर की ढुलाई के करीब 10 हजार लीटर पानी खर्च होता है।
जिससे लिए प्रति डंपर 8 सौ से लेकर 1000 रुपये तक का चार्ज ढाबा संचालकों द्वारा लिया जाता है। हाईवे के किनारे चल रहे इस ढाबों पर लोडर गाड़ियों के आने से सड़क की जमीन धंस गई हैं। जिसके कारण लोडर गाड़ियां उसमे फंस भी जाती है। जिससे सड़क दुर्धटनाओं का खतरा मंडराता रहता है।