संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
फर्रुखाबाद जिले का कुख्यात गैंगस्टर अनुराग दुबे, जिसे स्थानीय लोग ‘डब्बन’ के नाम से जानते हैं, इन दिनों फिर से चर्चा में है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान यूपी पुलिस को सख्त लहजे में फटकार लगाई, जिससे यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई यूपी पुलिस को फटकार
अपने डीजीपी को बता देना ऐसा आदेश पारित करेंगे कि जीवन भर याद रखेंगे। यूपी पुलिस को सुप्रीम कोर्ट की फटकार।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यूपी पुलिस को जमकर फटकार लगाई। गैंगस्टर अनुराग दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस के कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी पुलिस पॉवर एंजॉय कर रही है, उसे संवेदनशील होने की जरूरत है। साथ ही कोर्ट द्वारा अनुराग दुबे की गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी गई है। अनुराग दुबे को जमानत पर रिहाई का आदेश दिया है। कोर्ट ने आगे कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के बिना अब आरोपी की गिरफ्तारी भी नहीं होगी।
हर बार नई FIR दर्ज कर रही थी आरोपी पर यूपी पुलिस, गिरफ्तारी के डर से आरोपी कोर्ट में पेश भी नहीं हुआ तभी भड़का सुप्रीम कोर्ट। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा आप आरोपी के खिलाफ हर बार नई FIR लेकर चले आते। हर FIR पर आरोपी को अरेस्ट होने का डर रहता है तो वह कोर्ट में क्यों पेश होगा। उसे कोर्ट में पेश होना भी नहीं चाहिए। क्यों वह गिरफ्तार होने के लिए पेश होगा। आप आरोपी पर कितन केस लगाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा यूपी पुलिस सत्ता का मजा ले रही है, वह खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश कर रही है यूपी पुलिस अपने डीजीपी को बता देना अगर आरोपी को हाथ भी लगाया गया तो ऐसा आदेश पारित करेंगे कि उन्हें जिंदगी भर याद रहेगा।
पीठ ने इस दौरान यूपी पुलिस के रवैये पर सवाल उठाए और कहा कि शायद याचिकाकर्ता इसलिए पेश नहीं हो रहा, क्योंकि उसे डर है कि पुलिस कोई नया मामला दर्ज कर देगी। इस फटकार के बाद गैंगस्टर अनुराग दुबे सोशल मीडिया और मीडिया की सुर्खियों में आ गए।
कौन है गैंगस्टर अनुराग दुबे?
अनुराग दुबे उर्फ डब्बन फर्रुखाबाद के मऊ दरवाजा क्षेत्र का निवासी है। उस पर धोखाधड़ी, मारपीट, जालसाजी, गुंडा एक्ट और एनएसए जैसे गंभीर आरोपों के तहत कई मामले दर्ज हैं। इलाके में उसका ऐसा खौफ है कि लोग उसका नाम लेने से भी डरते हैं।
गैंगस्टर अनुराग का भाई अनुपम दुबे भी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है और वर्तमान में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से जुड़ा हुआ है। अनुपम पर हत्या और अन्य गंभीर मामलों में आरोप हैं। वह फिलहाल मथुरा जेल में बंद है, जहां उसे इंस्पेक्टर रामनिवास यादव और पीडब्ल्यूडी ठेकेदार शमीम की हत्या के मामले में सजा हुई है।
अनुराग दुबे और अनुपम दुबे की संपत्ति
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अनुराग और अनुपम दुबे के पास लगभग 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति होने का अनुमान है। इन दोनों भाइयों की गिनती उत्तर प्रदेश के बड़े बाहुबली माफियाओं में होती है। पुलिस ने अनुराग के करीबी सहयोगी विनय दुबे की 2.5 करोड़ रुपये की संपत्ति को डीएम के आदेश पर पहले ही कुर्क कर दिया है।
अनुराग दुबे पुलिस के रडार पर
अनुराग दुबे पिछले कई महीनों से फरार है। उसके खिलाफ यूपी के विभिन्न जिलों में 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने हाल ही में फर्रुखाबाद स्थित उसके घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा किया था। इसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद बढ़ी हलचल
सुप्रीम कोर्ट द्वारा डीजीपी को चेतावनी देने और यूपी पुलिस के खिलाफ सख्त टिप्पणी के बाद यह मामला और भी गर्मा गया है। कोर्ट ने यूपी पुलिस को निष्पक्षता और संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
इस घटना ने एक बार फिर प्रदेश में कानून व्यवस्था और माफिया राज के बीच संघर्ष को उजागर किया है। अनुराग दुबे के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की सख्ती ने इसे एक संवेदनशील मुद्दा बना दिया है। अब यह देखना बाकी है कि अनुराग दुबे पर शिकंजा कब और कैसे कसता है।