संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
मनोज कुमार जसवंतनगर
जसवंतनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में सोमवार को एक अजीब और चौंकाने वाली घटना देखने को मिली। यहां बाइकों को अस्पताल की दूसरी मंजिल तक ले जाया जा रहा था, जो न केवल प्रशासनिक दृष्टि से बल्कि चिकित्सीय दृष्टि से भी घोर आपत्तिजनक है। बाइक सीधे डिलीवरी रूम के लिए जाने वाले द्वार तक पहुंच रही थीं, जिससे जच्चा-बच्चा और अन्य मरीजों को काफी परेशानी हो रही थी।
मरीजों के लिए खतरनाक
यह स्थिति और भी चिंताजनक बन जाती है क्योंकि बाइकों को अस्पताल में मरीजों को ले जाने के लिए बनी रैम्प पर चढ़ाकर दूसरी मंजिल तक पहुंचाया जा रहा था। यह रैम्प खासतौर पर स्ट्रेचर और व्हीलचेयर से मरीजों को ऊपर ले जाने के लिए डिजाइन किया गया था। इसके बावजूद, यह रैंप बाइकों के लिए उपयोग किया जा रहा है, जो कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है
ध्वनि और प्रदूषण का दुष्प्रभाव
सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, अस्पतालों में शोर-गुल से मरीजों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है, और अस्पतालों के आसपास तेज हार्न बजाने की मनाही होती है। इसके अलावा, बाइकों के प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण से मरीजों की स्थिति और खराब हो सकती है, खासकर जच्चा-बच्चा और अन्य गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए यह खतरे की घंटी है।
यह स्थिति गंभीर चिंता का विषय है, और सीएचसी प्रशासन को इस लापरवाही पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। अस्पताल में बाइकों का प्रवेश पूरी तरह से रोकने के साथ ही, शोर-गुल को नियंत्रित करना आवश्यक है ताकि मरीजों को शांति और सुविधा मिल सके। सीएचसी प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अस्पताल परिसर में ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न न हो, जिससे मरीजों की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़े।