संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा ब्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
मनोज कुमार जसवंतनगर
जसवंतनगर के किसानों ने आवारा गोवंशों के आतंक से तंग आकर एक अनोखा तरीका अपनाया है। उन्होंने समूह बनाकर आवारा गोवंशों के झुंडों को कई किलोमीटर तक खदेड़ दिया। यह कदम किसानों ने तब उठाया जब सरकारी तंत्र ने उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया।आवारा जानवरों की समस्या किसानों के लिए नासूर बनी हुई है.किसानों का कहना है कि आवारा गोवंशों के कारण उनकी फसलें नष्ट हो रही हैं और उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि सरकारी तंत्र द्वारा कोई कदम न उठाए जाने के कारण, उन्हें मजबूरन अपनी फसलों को बचाने के लिए आवारा गोवंशों को भगाना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री के अलावा प्रधानमंत्री ने भी इस समस्या के समाधान का आश्वासन मंच से दिया था. अन्य जुमलों में ये भी समस्या जुमला बनकर किसानों पर जुल्म ढा रही है. हर रोज कोई न कोई आदमी गोवंशो से टकराकर अपनी जान गवाँ रहे है. या अपाहिज हो रहे है.
इस दौरान, कस्बे से होकर गुजरते समय हाईवे किनारे काफी भीड़ एकत्र हो गई। लोगों ने किसानों को आवारा गोवंशों को दौड़ाते हुए देखा। कुछ गोवंश दुकानों में घुस गए और कुछ की टक्कर से ठेले वाले और नागरिक गिर पड़े, जिससे अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई।इस मामले में उपजिलाधिकारी कुमार सत्यम जीत ने बताया है कि सड़कों पर गौवंश कैसे पहुंचे इस कि उन्हें जानकारी नहीं है, अगर ऐसा है तो जांच करवाई जाएगी। दोषी पाए जाने वालो के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
सरकार द्वारा आवारा गोवंशों के लिए किए गए प्रयासों में शामिल हैं:
सरकार ने गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना की है ताकि आवारा गोवंशों को एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान किया जा सके।
सरकार ने गोवंश विकास कार्यक्रम शुरू किया है जिसका उद्देश्य गोवंशों की संख्या को नियंत्रित करना और उनके स्वास्थ्य और पोषण को बेहतर बनाना है।
सरकार ने किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं ताकि वे अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकें और आर्थिक नुकसान से बच सकें।